नई दिल्ली :आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष में देश के वीर सपूतों को कई तरीकों से याद किया जा रहा है. अत्याधुनिक तकनीक के इस दौर में आजादी और भारत की उपलब्धियों को दिखाने के लिए ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है. राजपथ पर होने वाले बीटिंग रीट्रिट समारोह के दौरान इस बार आजाद भारत में पहली बार ड्रोन सिंक्रोनाइजेनश होगा. कार्यक्रम से पहले राजपथ पर पूर्वाभ्यास किया गया. पूर्वाभ्यास देखने पहुंचे लोगों ने ड्रोन सिंक्रोनाइजेशन और लाइट-साउंड शो को अविस्मरणीय करार दिया.
बीटिंग रीट्रिट समारोह समाप्त होने के बाद नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की दीवार पर लेजर से प्रोजेक्शन मैपिंग की जाएगी. इसके बाद एक ड्रोन शो होगा जिसमें 1,000 ड्रोन हिस्सा लेंगे. राजपथ पर बीटिंग रीट्रिट, ड्रोन सिंक्रोनाइजेशन और लाइट-साउंड शो के संबंध में मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने बताया कि बीटिंग रिट्रीट समारोह में लेजर मैपिंग और ड्रोन शो शामिल किए गए हैं.
राजपथ पर ड्रोन सिंक्रोनाइजेशन, लाइट-साउंड के साथ देखें भारत की गौरव गाथा उन्होंने बताया कि राजपथ की ऐतिहासिक परेड में कोरोना महामारी के मद्देनजर सैनिकों की संख्या कम की गई है.मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड में मार्चिंग दस्तों में सैनिकों की संख्या 144 से घटाकर 96 कर दी गई है.
बता दें कि मेजर जनरल आलोक कक्कड़ दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ और परेड के दूसरे-इन-कमांड अधिकारी हैं. उन्होंने बताया कि राजपथ पर परेड के दौरान सैनिकों का मार्चिंग दस्ता 12 पंक्तियों और आठ स्तंभों में मार्च करते हुए दिखाई देंगे.
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर रोशन राजपथ (वीडियो ग्रैब) उल्लेखनीय है कि बीटिंग रिट्रीट के साथ 24 जनवरी से शुरू करीब एक सप्ताह के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है. हालांकि, सरकार ने इस साल से 23 जनवरी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से ही गणतंत्र दिवस समारोह शुरू करने का फैसला किया है.
ड्रोन के समन्वय से आसमां पर लिखा गया आजादी का अमृत महोत्सव (वीडियो ग्रैब) 'बीटिंग रिट्रीट' से जुड़े एक अहम फैसले में केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी के प्रिय रहे भजनों में से एक 'अबाइड विथ मी' को इस साल की 'बीटिंग रिट्रीट' से हटाने का फैसला लिया है. सरकार का मानना है कि देश की आजादी के 75वें साल आलोक में मनाए जा रहे 'आजादी का अमृत महोत्सव' में भारतीय धुन अधिक अनुकूल हैं.
ड्रोन के समन्वय से बनाया गया तिरंगा (वीडियो ग्रैब) उल्लेखनीय है कि 'अबाइड विथ मी' की रचना स्कॉटिश एंजलिकन कवि और भजन ज्ञानी हेनरी फ्रांसिस लाइट ने सन 1847 में की थी और वर्ष 1950 से ही यह 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह का हिस्सा है. भारतीय सेना ने शनिवार को घोषणा की थी कि इस साल से समारोह में इसे शामिल नहीं किया जाएगा.
ड्रोन के समन्वय से बनाया गया मेक इन इंडिया का लोगो (वीडियो ग्रैब) गौरतलब है कि सेना ने इस साल विजय चौक पर होने वाले 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह के लिए जारी ब्रॉशर में 26 धुनों की सूची दी गई है जिन्हें बजाया जाएगा. इनमें 'हे कांछा', 'चन्ना बिलौरी', 'जय जन्म भूमि', 'नृत्य सरिता', 'विजय जोश', 'केसरिया बन्ना', 'वीर सियाचीन' आदि शामिल हैं.
सूत्रों ने बताया कि केंद्र चाहता था कि अधिकतर भारतीय धुनों को समारोह में शामिल किया जाए, जिसके फलस्वरूप फैसला किया गया कि 29 जनवरी को आयोजित होने वाले समारोह में केवल भारतीय मूल के धुनों को ही बजाया जाएगा. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में भी 'अबाइड विथ मी' को समारोह से हटाने का फैसला किया था लेकिन बाद में विवाद होने पर इसे यथावत रहने दिया गया.
राजपथ पर ड्रोन सिंक्रोनाइजेशन, लाइट-साउंड के साथ देखें भारत की गौरव गाथा यह भी पढ़ें-गणतंत्र दिवस 2020 : बीटिंग रिट्रीट में अब गूंजेगा 'वंदे मातरम'
उन्होंने बताया कि इस वर्ष के समारोह के लिए 'अबाइड विथ मी' भजन के स्थान पर लोकप्रिय देशभक्ति गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' को लिया गया है जिसकी रचना कवि प्रदीप ने वर्ष-1962 के भारत-चीन युद्ध में भारतीय जवानों द्वारा दी गई शहादत को याद करने के लिए की थी. सूत्रों ने रेखांकित किया कि 'ऐ मेरे वतन के लोगों' भारतीय धुन है और उन सभी के प्रति सम्मान प्रकट करती है जिन्होंने देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए अपने जीवन का बलिदान किया.
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गौरतलब है कि इस साल से 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह से इस भजन को हटाने का सरकार का फैसला इंडिया गेट पर जल रही अमर जवार जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्योति से मिलाने के फैसले के बाद आया है. ज्योति को मिलाने का समारोह शुक्रवार को आयोजित किया गया था.