जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट आज से प्रदेश में पेपर लीक और पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई नहीं होने के आरोपों के साथ जनता के दरबार में अजमेर से जयपुर तक पद यात्रा शुरू करेंगे. खास बात यह है कि सचिन पायलट ने पद यात्रा के लिए सचिन पायलट का गढ़ माने जाने वाले पूर्वी राजस्थान की जगह अपने कर्म स्थली अजमेर को चुना है. सचिन पायलट को लेकर अक्सर उनके विरोधी ये कहते हैं कि उनकी लोकप्रियता गुर्जर बाहुल्य पूर्वी राजस्थान में ही है. ऐसे में सचिन पायलट अपने विरोधियों को जवाब देने के लिए यह यात्रा पूर्वी राजस्थान की जगह अपनी राजनीतिक कर्म स्थली अजमेर से शुरू करेंगे.
जन संघर्ष यात्रा का आज अजमेर से होगा शंखनाद, सचिन पायलट भरेंगे हुंकार
राजस्थान कांग्रेस के पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट आज (11 मई) अपने गढ़ पुर्वी राजस्थान की जगह कर्म स्थली अजमेर से निकलेंगें जनता के बीच. पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपो को वरिष्ठ जाट नेताओं के अपमान से जोड़ा है.
कहा जा रहा है सचिन पायलट के पैदल मार्च में 5 दिनों तक हजारों की संख्या में पायलट समर्थक पैदल चलेंगे. वैसे भी पायलट ने दौसा की सीट आरक्षित होने के बाद अजमेर लोकसभा से सांसद बने और भले ही वो 2014 में अजमेर लोकसभा का चुनाव हार गए. लेकिन उपचुनाव में सचिन पायलट ने रघु शर्मा को अपने दम पर अजमेर का सांसद बनवा दिया था. ऐसे में अजमेर को पायलट न केवल अपनी कर्म स्थली मानते हैं बल्कि पायलट की पकड़ भी अजमेर में जबरदस्त है. यही कारण है कि उन्होंने अजमेर को अपनी जन संघर्ष यात्रा के लिए चुना है.
पायलट समर्थक विधायकों पर करोड़ों के लेन देन के आरोपों पर आपत्ति जता पायलट ने किसान वर्ग को साधने का किया प्रयास :सचिन पायलट जन संघर्ष यात्रा के रूप में पैदल मार्च भले ही पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर निकाल रहे हो. लेकिन अंदर खाने उनका प्रमुख मुद्दा बार-बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से लगाए जा रहे वs आरोप हैं जिसमें गहलोत सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों पर सरकार गिराने के लिए गृह मंत्री अमित शाह से करोड़ों रुपए लेने के आरोप लगाते हैं. भले ही पायलट समर्थक विधायकों में एससी-एसटी, राजपूत, वैश्य और ब्राह्मण विधायक भी शामिल हो लेकिन पायलट ने गहलोत के आरोपों को हेमाराम और ओला परिवार के साथ जोड़कर जाट समाज विरोधी बताने का प्रयास किया है. वैसे भी पायलट के साथ मानेसर जाने वाले 18 विधायकों में से चार विधायक जाट समाज के थे. ऐसे में पायलट गहलोत पर ऐसे वर्ग के वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने को मुद्दा बना रहे हैं. जिन्होंने 40-50 साल से पार्टी को सींचा है. वैसे भी पायलट जिस अजमेर से यात्रा निकाल रहे हैं वहां जाट समाज की संख्या काफी ज्यादा है.
रेल से पहुंचेंगे पायलट अजमेर यह रहेगा 5 दिन का पैदल मार्च कार्यक्रम :सचिन पायलट की "जन संघर्ष पद यात्रा" में शामिल होने 11 मई को सुबह 10:10 बजे जयपुर से रेल से रवाना होकर 12:15 बजे अजमेर पहुंचेंगे. 12:30 बजे अजमेर के अशोक पार्क के पास पायलट जन सभा को संबोधित करेंगे, करीब 3 बजे अजमेर से पद यात्रा शुरू होगी तो रात्रि विश्राम टोलमाल गांव में होगा. पायलट की पद यात्रा 12 मई को सुबह 8 बजे रवाना होगी जो करीब 11 बजे तक चलेगी ओर शाम 4 बजे से फिर शुरू होकर पड़सोली में रात्रि विश्राम होगा. 13 मई को सुबह 8 बजे पद यात्रा रवाना होगी और रात्रि विश्राम नासनोदा में रात्रि विश्राम होगा. 14 मई को 8 बजे पद यात्रा रवाना होगी रात्रि विश्राम महापुरा में होगा. 15 मई को 8 बजे पद यात्रा रवाना होगी शाम को जयपुर पहुंचेगी जयपुर में पायलट यात्रा के समापन पर कोई सभा करेंगे या नहीं अभी इस का कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है.
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