नाहन : पहाड़ों में एक शख्स ऐसा भी है, जिसने डॉक्टरी की पढ़ाई बेशक ना की हो, लेकिन हड्डियों के हर दर्द को दूर करने की विद्या इस शख्स को भलि भांति मालूम है. सबसे अहम बात यह है कि यह शख्स लोगों के दर्द को दूर करने के लिए कोई भी शुल्क नहीं लेता है. हिमाचल ही नहीं बाहरी राज्यों से लोग इस शख्स की पास हड्डियों से जुड़े दर्द का इलाज कराने पहुंचते हैं.
जी हां... हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में लोक निर्माण विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात विद्या दत्त की. हड्डियों के दर्द को छू-मंतर कर देने वाली विद्या, विद्या दत्त के पास मौजूद है. यही वजह है कि दर्द से छुटकारा पाने के लिए लोग विद्या दत्त के पास पहुंचते हैं. इतना ही नहीं उन्हें डॉक्टर कहकर भी पुकारते हैं.
पांव में मोंच आ जाए, कंधा उतर जाए या फिर अन्य किसी भी तरह की हड्डी दाएं-बाएं हो जाए या फिर हड्डियों से संबंधित अन्य कोई भी रोग, सबको विद्या दत्त छू-मंतर कर देते हैं. जब अस्पतालों में भी इलाज के बावजूद स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलता तो, लोग विद्या दत्त के घर का रुख करते हैं.
हड्डियों के दर्द को छू-मंतर कर देती है विद्या दत्त की विद्या विद्या दत्त तकरीबन 32 वर्षों से आम जनमानस की नि:स्वार्थ सेवा करते आ रहे हैं. विद्या दत्त लोक निर्माण विभाग में बतौर क्लर्क तैनात हैं. विभाग उनकी इस जनसेवा में पूरा सहयोग करता है. इतना ही नहीं, लोगों की सेवा के लिए विभाग की ओर से एक कमरा भी मिला है. जिसमें विद्या दत्त ऑफिस के कार्य के साथ-साथ लोगों की सेवा करते आ रहे हैं.
विद्या दत्त के पास हड्डियों में दर्द का इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों का कहना है कि जब उन्हें अस्पतालों में आराम नहीं मिला तो वे अपना इलाज कराने के लिए यहां आए हैं. यहां गर्दन से नीचे पांव तक हर प्रकार के जोड़ के दर्द से मुक्ति मिल जाती है. विद्या दत्त के पास हिमाचल के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, मुबंई तक से लोग अपने दर्द का इलाज करवाने आते हैं. रोजाना 150 से 200 लोग यहां अपनी बीमारियों को लेकर पहुंचते हैं.
नाहन की रहने वाली माधवी पेशे से एथेलीट हैं. कुछ दिन पहले उनके पैर में चोट लग गई थी. डॉक्टर्स ने एक सप्ताह के लिए बेड रेस्ट के लिए बोला था, लेकिन सात दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें कोई आराम नहीं मिला, अब वे अपनी चोट का इलाज कराने के लिए विद्या दत्त के पास पहुंची हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनकी ये चोट चल्द ही ठीक हो जाएगी और पहले की तरह मैदान में खेलने के लिए जा पाएंगी.
ईटीवी भारत से बातचीत में विद्या दत्त बताते हैं कि उन्हें यह हुनर अपने पिता से विरासत में मिला था. पिता के गुजर जाने के बाद वे लोगों की सेवा में जुट गए. उनका कहना है कि जब तक उनमें हिम्मत और ताकत मौजूद है, तब तक इसी तरह लोगों की नि:स्वार्थ सेवा करते रहेंगे.
पीडब्ल्यूडी का आभार जताते हुए विद्या दत्त ने कहा कि लोगों की सेवा के इस काम में विभाग के अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला है. जिसकी वजह से वे दिन में 5 से 6 घंटे मरीजों की इलाज कर पाते हैं. अब तक उनकी वजह से हजारों लोगों को हड्डियों के दर्द से मुक्ति मिल चुकी है.
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