नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति के बैंक खाते सहित संपत्ति को अस्थायी रूप से कर्क करने का आदेश देने की शक्ति निरंकुश प्रकृति की है और इसे ठोस साक्ष्य पर आधारित होना चाहिए.
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की पीठ ने कहा कि आयुक्त को इस विचार के साथ संपत्ति जब्त करने का आदेश देने की शक्ति होनी चाहिए कि सरकारी राजस्व के हित में ऐसा करना आवश्यक है.
पीठ ने कहा, संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क करने का आदेश देने से पहले आयुक्त को ठोस साक्ष्यों के आधार पर इस पर विचार करना चाहिए कि ऐसा करना सरकारी राजस्व की रक्षा के हित में है.
इसने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी राजस्व की रक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है का मतलब है कि संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिए बगैर इसकी रक्षा नहीं की जा सकती है.