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राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए: OCA कार्यवाहक अध्यक्ष

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 29, 2023, 4:14 PM IST

अरुणाचल प्रदेश के तीन वुशू खिलाड़ियों को चीन में हांगझोउ एशियाई खेलों में भाग लेने से रोके जाने के बाद एशिया ओलंपिक समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष रणधीर सिंह ने ग्लोबल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में राजनीति और खेल को अलग रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है. अरुणिम भुइयां की रिपोर्ट...

Olympic Council of Asia
एशिया ओलंपिक परिषद

नई दिल्ली :अरुणाचल प्रदेश के तीन वुशु खिलाड़ियों को चीन के हांगझोउ एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए अरुणाचल प्रदेश के तीन खिलाड़ियों को मान्यता कार्ड से वंचित कर दिया गया था. इस संबंध में एशिया ओलंपिक परिषद (OCA) के कार्यवाहक अध्यक्ष रणधीर सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के दौरान राजनीति और खेल को अलग रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनीति, राजनीति है और खेल-खेल है. उसे मिश्रित नहीं किया जाना चाहिए.

सिंह ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि जबकि हम यहां एक-दूसरे के बीच दोस्ती और प्यार को बढ़ावा देने के लिए हैं, राजनीति को अलग रखा जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि अरुणाचल प्रदेश के तीन वुशु खिलाड़ियों न्येमान वांग्सू, ओनिल तेगा और मेपुंग लाम्गु को हांगझोउ एशियाई खेल आयोजन समिति से उनके मान्यता कार्ड नहीं मिले, जो प्रवेश वीजा के रूप में भी काम करते हैं. फिर एथलीटों को अपने यात्रा दस्तावेज़ डाउनलोड करने होते हैं, जिन्हें आगमन पर मान्य किया जाता है. भारत ने कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वह अधिवास या जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को दृढ़ता से अस्वीकार करता है.

इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने तीनों खिलाड़ियों को मान्यता कार्ड नहीं मिलने के बाद एक बयान में कहा था कि भारत सरकार को पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने टॉरगेट और पूर्व-निर्धारित तरीके से अरुणाचल प्रदेश राज्य के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को चीन के हांगझोउ में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके साथ भेदभाव किया है.

साथ ही उन्होंने कहा था कि हमारी दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति के अनुरूप भारत दृढ़ता से अधिवास या जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को अस्वीकार करता है. उन्होंने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. वहीं युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी विरोध स्वरूप खेलों के लिए अपनी निर्धारित चीन यात्रा रद्द कर दी थी.

रणधीर सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह राजनीति का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि यह 15 दिन या एक महीना है, जिसे राजदूत को दूर रखते हुए खेलों का आनंद ले सकता है. चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करने के साथ चीन ने यह पहली बार नहीं है कि पूर्वोत्तर राज्य के एथलीट भारत के उत्तरी पड़ोसी में खेल आयोजनों में भाग नहीं ले पाए हैं.

इसी तरह वर्ष 2011 में अरुणाचल प्रदेश के पांच कराटे खिलाड़ियों को चीन में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए स्टेपल वीजा जारी किया गया था. उसी वर्ष, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के एक अधिकारी और अरुणाचल प्रदेश के एक भारोत्तोलक को चीन में एक ग्रैंड प्रिक्स कार्यक्रम में भाग लेने के लिए स्टेपल वीजा जारी किया गया था. फिर 2011 में अरुणाचल प्रदेश के दो तीरंदाजों को चीन में युवा विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए स्टेपल वीजा जारी किया गया था. इन सभी लोगों को अपनी योजनाएं छोड़नी पड़ीं क्योंकि भारतीय हवाई अड्डों पर अधिकारी और सुरक्षाकर्मी स्टेपल्ड वीजा को वैध यात्रा दस्तावेज के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं.

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से भारतीय नागरिकों को स्टेपल वीजा जारी करना इन क्षेत्रों पर भारत की संप्रभुता को कमजोर करने के चीन के प्रयासों का हिस्सा है. चीन की हरकतों को उसके अपने क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर भारत के नियंत्रण और अधिकार को चुनौती देने के प्रयासों के रूप में देखा जाता है.

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