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समिट फॉर डेमोक्रेसी में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत लोकतंत्र का अनुभव साझा करने को तैयार

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Published : Dec 10, 2021, 4:04 PM IST

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को समिट फॉर डेमोक्रेसी (Summit for Democracy) में अपनी राय रखी. उन्होंने इस पहल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की तारीफ की और कहा भारत विश्व समुदाय से लोकतंत्र का अनुभव साझा करने को तैयार है.

Summit for Democracy
Summit for Democracy

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की ओर से आयोजित समिट फॉर डेमोक्रेसी (Summit for Democracy) में शामिल होने पर खुशी जाहिर की है. अपने ट्वीट में नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राष्ट्रपति बिडेन के निमंत्रण पर लोकतंत्र के शिखर सम्मेलन में भाग लेने पर प्रसन्नता हुई. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत बहुपक्षीय मंचों सहित विश्व स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए अपने भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को पहले व्हाइट हाउस वर्चुअल 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' का उद्घाटन किया था. अपने भाषण में जो बाइडन ने कहा कि हमें डेमोक्रेसी को हर पीढ़ी के साथ रिन्यूअल करना होगा. यह हमारे समय की परिभाषित चुनौती है. अपने उद्घाटन भाषण के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति ने बंद कमरे में एक सत्र की अध्यक्षता की, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 12 नेताओं को आमंत्रित किया गया था.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में नरेंद्र मोदी ने कहा कि देशों को अपने संवैधानिक सिद्धांत का पालन करना चाहिए. इसके अलावा टेक्नोलॉजी कंपनियों को खुले समाजों को संरक्षित करने में मदद करनी चाहिए. उन्होंने दावा कि भारत की लोकतांत्रिक सरकार के चार स्तंभ हैं. संवेदनशीलता, जवाबदेही, भागीदारी और रिफॉर्म. अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में सुधार का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि लोकतंत्र के सिद्धांतों को भी वैश्विक शासन का मार्गदर्शन करना चाहिए. अपने भाषण में, नरेंद्र मोदी ने समिट फॉर डेमोक्रेसी के आयोजन के लिए जो बाइडन की पहल की तारीफ की और कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत अपने अनुभव को साझा करने के लिए हमेशा तैयार है.

समिट फॉर डेमोक्रेसी के लिए 112 देशों को अमेरिका ने निमंत्रण भेजा था. चीन और रूस को न्योता नहीं दिया गया.

अमेरिका में होने वाली वर्चुअल समिट का उद्घाटन 9 दिसंबर को हुआ. अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बिडेन (President Joe Biden) ने भारत समेत विश्व के 112 देशों को इस समिट में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा था. रूस और चीन को 'समिट फॉर डेमोक्रेसी' का न्योता नहीं दिया गया, इस पर चीनी विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. चीन का कहना है कि अमेरिका लोकतंत्र का राजनीतिकरण कर इसे हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है. यूएस पूरी दुनिया में लोकतंत्र का ठेका नहीं ले सकता. समिट फॉर डेमोक्रेसी का मकसद दुनिया को विभाजित करना है.

पाकिस्तान ने समिट फॉर डेमोक्रेसी में शामिल होने से इनकार कर दिया. उसने इसका औपचारिक कारण तो नहीं बताया मगर माना जा रहा है कि चीन के दबाव के कारण इमरान खान ने यह फैसला किया.

पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने चीन को न बुलाए जाने के विरोध में समिट में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया है. चीन ने नेपाल पर भी समिट में शामिल नहीं होने का दबाव बनाया था, मगर वहां के प्रधानमंत्री ने चीन को नसीहत को नजरंदाज करते हुए इसमें शामिल होने का फैसला किया. बताया जा रहा है कि समिट में अफगानिस्तान और म्यामांर को लेकर चर्चा की जा सकती है.

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