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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर पहुंची कश्मीर की लाखों रुपए की कीमत वाली पश्मीना शॉल, 12 महीने की मेहनत से होती है तैयार

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 16, 2023, 1:05 PM IST

Updated : Dec 16, 2023, 1:31 PM IST

Pashmina Shawl in Geeta Mahotsava : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर कश्मीर से लाखों रुपए की कीमत वाली पश्मीना शॉल पहुंची हुई है जो यहां आने वाले पर्यटकों को खूब भा रही है.

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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंची पशमीना शॉल

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में कश्मीर की पश्मीना शॉल

कुरूक्षेत्र :अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 पर हरियाणा के कुरूक्षेत्र में देश के अलग-अलग राज्यों से शिल्पकार पहुंचे हुए हैं और अपनी प्रदर्शनी लगाई है. ये प्रदर्शनी गीता महोत्सव में आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. वहीं कश्मीर के पल गांव से आए हुए शिल्पकारों की पश्मीना शॉल पर्यटकों का मन मोह रही है. इस शॉल की खास बात ये है कि इसे बनाने में काफी ज्यादा मेहनत और तकरीबन साल भर का वक्त लगता है. इसकी कीमत भी लाखों रुपए में होती है. अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर वे 1 लाख 25 हजार तक की शॉल लेकर आए हुए हैं.

6 लाख रूपये तक की शॉल करते हैं तैयार : कश्मीर से आए हुए शिल्पकार जुबेर ने ईटीवी भारत को बताया कि वे पिछले 8 सालों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आ रहे हैं. उनके परिवार के मेंबर्स पिछले चार दशकों से पश्मीना शॉल बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने अब तक सबसे महंगी 6 लाख तक की पश्मीना शॉल बनाई है. उनके पिता ने 10वीं की पढ़ाई करने के बाद अपने पिता के साथ काम शुरू किया और तब से वे पश्मीना शॉल बना रहे हैं.

6 लाख रूपये तक की शॉल करते हैं तैयार



परिवार को मिल चुके कई पुरस्कार : शिल्पकार जुबेर ने आगे बताया कि उनके बड़े भाई और पिता को 2006 और 2012 में राष्ट्रीय अवॉर्ड भी मिल चुका है. वहीं उनके परिवार के एक सदस्य को इंडिया इंटरनेशनल फ्रेंडशिप समिति की ओर से 2015 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के राष्ट्रीय गौरव अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. इस काम में उनकी पांचवीं पीढ़ी भी लगी हुई है. उनके दादा और परदादा भी यही काम किया करते थे. पश्मीना शॉल के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ये मुगल काल के वक्त से काफी ज्यादा मशहूर है. उस वक्त के जो राजा थे, वे इसका इस्तेमाल किया करते थे.

काफी मेहनत से तैयार होती है पश्मीना शॉल :उन्होंने बताया कि अभी तक 5 हजार रुपए से लेकर 6 लाख तक की शॉल वे तैयार कर चुके हैं. जिस व्यक्ति की जो डिमांड होती है, उस डिमांड के आधार पर ही वे शॉल तैयार करते हैं. 6 लाख रुपए की शॉल बनाने में उन्हें करीब 3 साल लग गए थे. अगर किसी को इतनी महंगी शॉल चाहिए तो उसे ऑर्डर करना पड़ता है. अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर लोग एक लाख रूपये तक की शॉल की खरीदारी करते हैं, इसलिए वे एक लाख रुपए तक की शॉल लेकर यहां पहुंचे हुए हैं.

काफी मेहनत से तैयार होती है पश्मीना शॉल

पश्मीना शॉल इसलिए खास :उन्होंने बताया कि शॉल बहुत ही मुलायम और गर्म होती है जिसके चलते पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले लोग इसको ज्यादा पसंद करते हैं. सर्दी से बचाने के लिए ये बहुत ही ज्यादा कारगर होती है. इसकी खासियत ऐसी होती है कि ये एक छोटी सी अंगूठी में से भी आसानी से निकल जाती है. अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं.

पश्मीना शॉल पर्यटकों का मन मोह रही है
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Last Updated : Dec 16, 2023, 1:31 PM IST

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