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वायुसेना के एयर शो में सीएम भगवंत मान के न आने पर विपक्ष ने साधा निशाना

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Published : Oct 9, 2022, 5:25 PM IST

जहां एक ओर मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab Chief Minister Bhagwant Mann) पर पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित (Governor Banwari Lal Purohit) वायुसेना के एयर शो में शामिल न होने को लेकर निशाना साध रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अब विपक्षी दलों ने भी उन पर तीखा हमला बोला है.

मुख्यमंत्री भगवंत मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान

चंडीगढ़: चंडीगढ़ में बीते शनिवार को वायुसेना दिवस मनाया गया. इस मौके पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab Chief Minister Bhagwant Mann) अपने गुजरात दौरे के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. उनकी जगह पंजाब कैबिनेट के कई मंत्री इस कार्यक्रम में शामिल हुए. इसको लेकर विपक्षियों ने उन पर जमकर हमला बोला.

जहां एक ओर राज्यपाल की ओर से इस कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की गैर हाजिरी को लेकर सवाल उठाए गए, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के विपक्षी दलों ने भी मुख्यमंत्री मान पर सवाल उठाए. राज्यपाल (Governor Banwari Lal Purohit) ने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा कि 'जब देश का राष्ट्रपति यहां है, तो पंजाब का मुख्यमंत्री कहां है.' इसे लेकर 'आप' ने राज्यपाल को नकारात्मक जवाब भी दिया. इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा और भाजपा प्रवक्ता अनिल सरीन ने भी मुख्यमंत्री पर सवाल उठाए हैं.

डॉ. दलजीत चीमा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के एयर फोर्स के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने सीएम मान पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम मान की बदौलत पंजाबियों को एक बार फिर देश के सामने शर्मिंदगी उठानी पड़ी है. भगवंत मान को पता होना चाहिए कि सीएम के पद के साथ कुछ जिम्मेदारियां आती हैं, केजरीवाल की तरह ही वे भी उन्हें भूल गए. वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता अनिल सरीन ने कहा कि यह गर्व की बात है कि वायु सेना दिवस पर एयर शो पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में आयोजित किया गया था.

आगे उन्होंने कहा कि इस अवसर पर देश की राष्ट्रपति भी विशेष रूप से पहुंची. यह खेद की बात है कि देश की राष्ट्रपति पंजाब आईं हैं और राज्य के मुख्यमंत्री अनुपस्थित हैं, यह अपने आप में गैर जिम्मेदाराना है. उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रपति किसी राज्य का दौरा करते हैं तो उनका स्वागत करना और कार्यक्रमों में उनका साथ देना मुख्यमंत्री की संवैधानिक जिम्मेदारी होती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मान को अरविंद केजरीवाल के अलावा कुछ नहीं दिखता और संविधान ऐसे धागे से लटक रहा है.

वहीं दूसरी ओर पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गवर्नर हाउस के मंच से इस राजनीतिक मुद्दे को उठाना राज्यपाल की ओर से बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ये टिप्पणियां राज्यपाल की ओर से आने के लिए अनावश्यक हैं और उनसे भविष्य में इस तरह के बयान देने से बचने का आग्रह किया. अरोड़ा ने कहा कि सीएम मान का कार्यक्रम निर्धारित था और उन्होंने चंडीगढ़ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अगवानी और स्वागत के लिए उन्हें प्रतिनियुक्त किया था.

पढ़ें:पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल और सीएम भगवंत मान के बीच फिर तनातनी, जानें क्यों

उन्होंने कहा कि वायु सेना दिवस मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में वह 7 अन्य कैबिनेट मंत्रियों और सभी वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ शामिल हुए. हालांकि, माननीय राज्यपाल ने सीएम के खिलाफ यह दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी की. इससे पहले भी राज्यपाल राज्य के मामले में दखल देते रहे हैं और उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा 22 सितंबर को आहूत पंजाब विधानसभा का सत्र विश्वास मत साबित करने के लिए ही रद्द कर दिया था.

उन्होंने कहा कि यह निंदनीय है कि राज्यपाल पंजाब में 'ऑपरेशन लोटस' को लागू करने के लिए भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब के राज्यपाल की आज की टिप्पणी स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि वह लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने और आम लोगों के कल्याण के लिए आप सरकार को काम करने से रोकने के लिए भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

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