चंडीगढ़ःपूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला(op chautala) जब से तिहाड़ से आये हैं तब से हरियाणा की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. ओपी चौटाला ने जेल से निकलते ही कहा था कि वो जैसे ही ठीक होंगे सबसे पहले किसानों के बीच जाएंगे. लिहाजा जैसे ही ओपी चौटाला जरा ठीक हुए वो किसानों के बीच पहुंच गए. मंगलवार को उन्होंने गाजीपुर जाकर राकेश टिकैत से मुलाकात की और किसानों को अपना समर्थन दिया. अब बुधवार को वो सिंघू बॉर्डर पर पहुंचे.
यहां उन्होंने किसानों से बातचीत की और अपने भाषण में बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस को भी निशाने पर रखा. अब वो इनेलो के तय कार्यक्रम के अनुसार पूरे प्रदेश में जाएंगे. हर जिले में जगह-जगह उनके कार्यक्रम होंगे. जिसकी रूपरेखा पहले ही इनेलो तैयार कर चुकी है. ओपी चौटाला के इन दौरों और जमीन पर इस सक्रियता को जेजेपी के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है. क्योंकि अगर ओपी चौटाला अपने समर्थकों को वापस खींचने में कामयाब हुए तो वो जेजेपी के जनाधार में से आएंगे.इसको लेकर जेजेपी भले ही कुछ ना बोलती हो लेकिन उसे फिक्र तो है. इसीलिए वो भी कह रहे हैं कि जैसे ओपी चौटाला छूटे हैं वैसे ही अजय चौटाला भी जेल से बाहर आएंगे और हमें मजबूती देंगे.
लेकिन ओम प्रकाश चौटाला के सक्रिय होने के बाद अगर इनेलो में कोई जान पड़ती है तो जेजेपी पर इसका क्या और कैसे असर पड़ेगा? तो इसे ऐसे समझिए कि जब इनेलो से टूटकर जेजेपी बनी और उन्होंने पहला उपचुनाव जींद में लड़ा तो दिग्विजय चौटाला वहां दूसरे नंबर पर आये. और इनेलो के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई, जबकि ये सीट इनेलो विधायक की मौत के बाद ही खाली हुई थी. इसके बाद आप आ जाइये 2019 के विधानसभा चुनाव पर, इस चुनाव में इनेलो को मात्र 2.44 फीसदी वोट मिले और सीट मिली.