भुवनेश्वर:ओडिशा मंत्रिमंडल का आज विस्तार किया गया है. पटनायक मंत्रिमंडल में तीन और नए मंत्री बिक्रम केशरी अरुखा, शारदा प्रसाद नायक और सुदाम मरांडी शामिल किए गए हैं. राज्यपाल गणेशी लाल ने आज लोक सेवा भवन में तीनों मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है. ये तीनों ही पहले भी मंत्री के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं. अब इन्हें दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
अरुखा और मरांडी को पिछले साल जून में हुए फेरबदल के दौरान मंत्रिपरिषद से बाहर कर दिया गया था. नायक भी इससे पहले पटनायक मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं. हालांकि, अरुखा को बाद में विधानसभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इन तीन नए मंत्रियों के शामिल होने के साथ मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 22 सदस्य हैं.
स्कूल एवं जन शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास और श्रम मंत्री श्रीकांत साहू ने पिछले सप्ताह इस्तीफा दे दिया था. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नबा किशोर दास के स्थान पर भी किसी की नियुक्ति नहीं की गई है, जिनकी जनवरी में हत्या कर दी गई थी. राजस्व मंत्री प्रमिला मलिक को स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग तथा श्रम विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. इससे पहले वित्त मंत्री निरंजन पुजारी को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था.
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बिक्रम केशरी अरुखा:बिक्रम केशरी अरुखा छह बार भंजनगर (विधानसभा संविधान) से चुने गए हैं. साल 1995 में जनता दल के टिकट से पहली बार विधायक चुने गए. वे 2000, 2004, 2009, 2014, 2019 में 6 बार विधायक चुने गए. अरुख गंजाम और कंधमाल जिलों में संगठन के प्रभारी भी थे.
शारदा प्रसाद नायक:शारदा प्रसाद नायक पश्चिमी ओडिशा में बीजू जनता दल का जाना-पहचाना चेहरा हैं. अब वे राउरकेला से विधायक हैं. शारदा पहली बार 2004 में बीजेडी के टिकट से विधायक चुने गए थे। बाद में साल 2009 और 2019 में. उन्होंने राउरकेला से बीजद के टिकट पर चुनाव लड़ा. शारदा नाइक ने 2009 से 2012 तक मंत्री के रूप में कार्य किया. वे पहले नगर विकास एवं आपूर्ति विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार संभाल चुके हैं.
सुदाम मरांडी:सुदाम मरांडी मयूरभंज जिले के बंगीरीपोसी से विधायक हैं. वह मयूरभंज जिले के बीजद अध्यक्ष हैं. वे 5 बार विधायक और 2 बार सांसद चुने जा चुके हैं. वह दो बार मंत्री भी रह चुके हैं. इससे पहले, सुदाम ने झारखंड मुक्ति मोर्चा में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और झामुमो के टिकट पर तीन बार विधानसभा (1990, 1995 और 2000) के लिए चुने गए. वह 2004 में झामुमो के टिकट पर मयूरभंज से लोकसभा के लिए चुने गए थे. वह 2014 के चुनावों से पहले बीजद में शामिल हो गए और तब से विधायक हैं.