नई दिल्ली : OBC List से जुड़े 127वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा के बाद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह ने लगभग 18 मिनट के वक्तव्य में विस्तृत जवाब दिया. साढ़े पांच घंटे से अधिक की मैराथन चर्चा के बाद अपने जवाब में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने राम मनोहर लोहिया, डॉ अंबेडकर, पेरियार और पंडित दीन दयाल उपाध्याय का जिक्र किए जाने पर कहा कि दलों की विचारधाराएं अलग हो सकती हैं, लेकिन दिलों में सबके एक ही भावना होती है, कि समाज के वंचित तबके का कल्याण करना है.
इस संवैधानिक संशोधन का उद्देश्य पिछड़ी जातियों की पहचान करने के लिए राज्यों की शक्ति को बहाल करना है.
जातिगत जनगणना को लेकर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि 2011 में जब जनगणना हुई थी तो सरकार किसकी थी. उन्होंने सवाल पूछा कि तत्कालीन सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़ों का प्रकाशन क्यों नहीं कराया.
केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कांग्रेस को जवाब देते हुए वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जब 102वां संशोधन लाया गया था, तब कांग्रेस ने उसका समर्थन किया था. इसलिए अब कांग्रेस के पास सवाल उठाने का नैतिक अधिकार नहीं है. मराठा आरक्षण राज्य का विषय है और अब केंद्र ने उन्हें इस पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र कर दिया है.
इसके पहले चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सिर्फ मराठा आरक्षण की बात क्यों होती है मुसलमानों के आरक्ष्ण की बात क्यों नहीं होती.