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बिहार में भी लगा नाइट कर्फ्यू, 8वीं तक स्कूल बंद, सीएम नीतीश का जनता दरबार भी स्थगित

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Published : Jan 4, 2022, 9:41 PM IST

देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. सभी राज्यों ने कोविड की रोकथाम के लिए अपने-अपने स्तर पर कोविड के नियमों को सख्ती से लागू कर दिया है. उत्तरप्रदेश, पंजाब के बाद अब बिहार सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. मंगलवार शाम क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की. तीसरी लहर की आहट के बीच उन्होंने अपना समाज सुधार अभियान और जनता दरबार को भी स्थगित कर दिया है.

night cerfew imposed in bihar
night cerfew imposed in bihar

पटनाः बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण बिहार सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है. मंगलवार शाम क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की. उन्होंने अपना महत्वाकांक्षी समाज सुधार अभियान और जनता दरबार भी स्थगित कर दिया है. इसके अलावा सरकार की तरफ से पाबंदियां और हिदायतें जारी की गई हैं. इसके तहत अब से रात आठ बजे तक ही दुकानें खुलेंगी. इसके बाद आवश्यक सेवाओं की दुकानें ही खुल सकेंगी. 8वीं तक के क्लास ऑनलाइन चलेंगे, जबकि 9वीं से उपर के क्लास 50 फीसदी उपस्थिति के साथ संचालित होंगी.

प्रदेश में पूजास्थलों को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है. मंदिरों में पुजारी ही पूजा करेंगे. वहीं स्टेडियम, स्वीमिंग पूल को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. अंतिम संस्कार में 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे. वहीं, सार्वजनिक स्थल पर 50 व्यक्ति ही शामिल हों सकेंगे. किसी भी तरह के कार्यक्रम के लिए प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.

क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने हालात की समीक्षा की.

बता दें कि लगातार कोरोना के मामले बढ़ने पर पूरे प्रदेश में खलबली मची थी. आईएमए के अधिवेशन के बाद से बड़ी संख्या में डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो गए थे. इसके अलावा कई बड़े नेता और चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. जनता दरबार में आए फरियादी, कर्मचारी और सुरक्षाकर्मियों भी कोरोना संक्रमित पाए गए. बता दें कि मंगलवार को राजधानी पटना में कोरोना के 522 नए मामले सामने आए. जिनमें 40 से अधिक बच्चों में भी संक्रमण पाया गया है. इन सभी बच्चों की उम्र 2 साल से 17 साल के बीच बताई जा रही है. पटना में कोरोना के एक्टिव मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1200 हो गया है. प्रदेश में कोरोना के मामलों में बीते 10 दिनों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. बीते पांच दिनों में 260% केस बढ़ गए हैं. 30 दिसंबर को जहां प्रदेश भर में 132 एक्टिव मरीज मिले थे, वहीं 31 दिसंबर को यह बढ़कर 158 हो गई.

राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में 27 दिसंबर को केवल 26 नए मामले सामने आए थे. आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को राज्य भर में 158 मामले सामने आए थे. लेकिन नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी के कोरोना के आंकड़े ने बीते 6 महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया. सूबे में और 281 नए मामले सामने आए. 2 जनवरी को नए मामलों की संख्या बढ़कर 352 हो गई, फिर 3 जनवरी को प्रदेश में नए संक्रमण की संख्या 344 मिली. इसके बाद अब मंगलवार को सिर्फ राजधानी पटना में ही कोरोना के 522 नए मामले सामने आए हैं.

बिहार में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2000 से अधिक हो गई है. पटना में एक्टिव मरीजों की संख्या 1200 हो गई है. पटना जिला सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी के अनुसार, 11 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. पटना एम्स में 10 मरीज एडमिट हैं, जिनमें से आठ ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. एक मरीज वेंटिलेटर पर है और एक मरीज जनरल बेड पर है. सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी के अनुसार मंगलवार को मिले 522 नए मामलों में अधिकांश संक्रमण के हल्के-फुल्के लक्षण से संक्रमित हैं.

एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया था कि रविवार को चिकित्सकों की आरटीपीसीआर जांच करायी गयी, जिसमें 84 डॉक्टर संक्रमित पाए गए. शनिवार को 12 चिकित्सक संक्रमित पाये गये थे. सभी संक्रमित चिकित्सक होम आइसोलेशन में हैं.

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