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देश के 11 राज्यों में NIA और ED की रेड, PFI से जुड़े 106 से ज्यादा लोग गिरफ्तार

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Published : Sep 22, 2022, 7:11 AM IST

Updated : Sep 22, 2022, 10:34 AM IST

NIA raids on PFI locations across the country

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े लिंक पर देशभर में छापेमारी की है. जांच एजेंसी ने पीएफआई और उससे जुड़े लोगों पर टेरर फंडिंग और कैम्प चलाने के मामले में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की अगुवाई में कई एजेंसियों ने बृहस्पतिवार सुबह 11 राज्यों में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कम से कम 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. अधिकारियों ने बताया कि सबसे अधिक गिरफ्तारियां केरल (22), महाराष्ट्र (20), कर्नाटक (20), आंध्र प्रदेश (5), असम (9), दिल्ली (3), मध्य प्रदेश (4), पुडुचेरी (3), तमिलनाडु (10), उत्तर प्रदेश (8) और राजस्थान (2) में की गईं. एनआईए ने इसे 'अब तक का सबसे बड़ा जांच अभियान' करार दिया.

अभी गिरफ्तारियों का विवरण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और 11 राज्यों के पुलिस बल ने गिरफ्तारियां की हैं. अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवदियों को कथित तौर पर धन मुहैया कराने, उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ने के लिए बरगलाने में शामिल व्यक्तियों के परिसरों पर छापे मारे जा रहे हैं. पीएफआई ने एक बयान जारी कर कहा, पीएफआई के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं. राज्य समिति के कार्यालय की भी तलाशी ली जा रही है. हम फासीवादी शासन द्वारा असंतोष की आवाज को दबाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग किए जाने का कड़ा विरोध करते हैं.

ईडी देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों, फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों को भड़काने, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित महिला से कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में साजिश रचने और कुछ अन्य आरोपों को लेकर पीएफआई के कथित 'वित्तीय संबंधों' की तफ्तीश कर रही है. पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है. जांच एजेंसी ने लखनऊ में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं.

ईडी ने पिछले साल फरवरी में धन शोधन के आरोपों पर पीएफआई और उसकी छात्र इकाई कैंपल फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के खिलाफ अपनी पहली प्राथमिकी दाखिल की थी. उसने दावा किया था कि पीएफआई के सदस्य हाथरस के कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले के बाद ‘सांप्रदायिक दंगे भड़काना और आतंक का माहौल बनाना’ चाहते थे. आरोप पत्र में जिन लोगों को नामजद किया गया है, उनमें सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव एवं पीएफआई सदस्य के ए रऊफ शरीफ, सीएफआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतिकुर रहमान, सीएफआई की दिल्ली इकाई के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दिकी कप्पन और सीएफआई/पीएफआई का एक अन्य सदस्य मोहम्मद आलम शामिल हैं.

ईडी ने इस साल दाखिल किए गए दूसरे आरोपपत्र में दावा किया था कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में स्थित एक होटल पीएफआई के लिए धन शोधन का 'जरिया' बना था.

Last Updated :Sep 22, 2022, 10:34 AM IST

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