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लोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस का दावा, हम ही असली हैं बाकी नकली

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Published : Jun 18, 2021, 7:48 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 8:17 PM IST

लोजपा के संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस ने कहा है कि असली लोजपा हमलोग हैं. मेरे साथ पार्टी के 95 फीसदी लोग हैं. मैंने चुनाव आयोग में दस्तावेज जमा करा दिया है. आज की तारीख में चिराग पासवान न संसदीय दल के नेता हैं न पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष.

पशुपति पारस EXCLUSIVE
पशुपति पारस EXCLUSIVE

नई दिल्ली/पटना:लोजपा (LJP) संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस (Pashupati Paras) ने कहा है कि पार्टी के संविधान के अनुसार मुझे संसदीय दल का नेता चुना गया है. पार्टी संविधान के अनुसार ही मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. असली लोजपा हम ही हैं. पार्टी के 95 फीसदी लोग हमारे साथ हैं. पशुपति पारस ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कई अहम बातें कहीं

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पशुपति पारस ने कहा, "गुरुवार को मुझे पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. उस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर ने मुझे जो सर्टिफिकेट दिया उसे चुनाव आयोग में हमलोगों ने जमा कर दिया है. चिराग पासवान (Chirag Paswan) अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं. उनको इससे बचना चाहिए. आज की तारीख में चिराग पासवान न संसदीय दल के नेता हैं न पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष. पार्टी के 95% लोग हमारे साथ हैं. सभी सांसद, बिहार से लेकर राष्ट्रीय पदाधिकारी तक सब हमारे साथ हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्य हमारे साथ हैं."

पशुपति पारस के साथ EXCLUSIVE बातचीत

चुनाव आयोग करेगा असली नकली का फैसला
चिराग पासवान द्वारा उनके गुट को असली लोजपा बताये जाने संबंधी सवाल पर पशुपति ने कहा, "असली कौन है और नकली कौन यह तो चुनाव आयोग के यहां फैसला होगा. वह (चिराग पासवान) कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो सुप्रीम कोर्ट में फैसला हो जाएगा. देश संविधान से चलता है. पार्टी संविधान से चलती है. संविधान में क्या लिखा है इसे देखिए."

एकजुट रहेगा लोजपा
पशुपति पारस ने कहा, "लोजपा को और मजबूत करने के लिए काम करूंगा. पार्टी का विस्तार करना है. चिराग पासवान के गलत फैसलों के कारण जो लोग पार्टी छोड़कर गए उन्हें वापस लाएंगे. पूरा लोजपा परिवार एकजुट रहेगा." केंद्र सरकार में मंत्री बनने के संबंध में पशुपति ने कहा, "मैं मंत्री बनूंगा या नहीं, इसकी मुझे अभी जानकारी नहीं है. मंत्रिमंडल में किसे शामिल करना है किसे नहीं यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं. इस सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की बातें गोपनीय रहती हैं. जिसके बारे में मीडिया में आता है कि मंत्री बनेगा वह मंत्री नहीं बनता, कोई और बन जाता है."

आमने-सामने हैं चाचा-भतीजा
गौरतलब है कि लोजपा में टूट के बाद चाचा (पशुपति पारस) और भतीजा (चिराग पासवान) आमने-सामने हैं. छह में से पांच सांसद पशुपति पारस के साथ हैं. इन सांसदों ने पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता बनाया था. गुरुवार को पटना में लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई और पशुपति को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया.

दूसरी तरफ चिराग पासवान और उनके गुट का कहना है कि असली लोजपा उनलोगों की है. जिन लोगों ने पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है उनकी संख्या 9 है. उन्हें चिराग ने पहले ही पार्टी से निकाल दिया है. इसलिए पार्टी के संविधान के विपरीत जाकर पारस को संसदीय दल का नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है.

चुनाव आयोग में पशुपति पारस गुट ने जमा कराया दस्तावेज
पशुपति पारस और उनके गुट ने चुनाव आयोग के समक्ष सभी दस्तावेज जमा कर दिया है. पारस ने पार्टी पर अपनी दावेदारी जता दी है. दूसरी तरफ चिराग पासवान भी अपने गुट के साथ चुनाव आयोग के समक्ष अपनी बातें रखेंगे. अब चुनाव आयोग को निर्णय लेना है कि लोजपा चिराग की है या पारस की.

चिराग ने भी बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
पार्टी पर अपनी दावेदारी को लेकर चिराग गुट और पशुपति गुट के बीच रस्साकशी जारी है. चिराग ने रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. बैठक 12 जनपथ स्थित चिराग पासवान के सरकारी आवास पर सुबह साढ़े 11 बजे से शुरू होगी. उन्होंने तमाम नेताओं से आग्रह किया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हों.

क्या हो सकता है आगे?

  • लोजपा में कुल कार्यकारिणी सदस्यों की संख्या 78 है. दोनों गुट अपने पास बहुमत होने का दावा कर रहे हैं. चिराग पासवान कार्यकारिणी की बैठक के बाद चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे.
  • बैठक का हवाला देते हुए अपने पास बहुमत होने का दावा पेश करेंगे. जिस गुट के पास सदस्यों का बहुमत होगा, बंगला (लोजपा का चुनाव चिह्न) पर हक उसका ही होगा. फिलहाल तो दोनों गुट पार्टी पर अपना हक जता रहे हैं.
  • चिराग पासवान अगले 3-4 दिनों के भीतर पटना आ सकते हैं. पटना में वह प्रदेश और जिलास्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे.
  • लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता बनाने के फैसले पर मुहर लगाने को चिराग गुट गलत बता रहा है. इसके खिलाफ चिराग सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.
  • राजनीतिक जानकार डॉ. संजय कुमार का कहना है कि चिराग को सुप्रीम कोर्ट जाने की नौबत नहीं आएगी. पार्टी और पार्टी के अध्यक्ष का फैसला चुनाव आयोग ही कर देगा.

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Last Updated :Jun 18, 2021, 8:17 PM IST

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