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दुनिया के लिए नजीर बनेगा उत्तरकाशी टनल हादसा, रेस्क्यू ऑपरेशन पर तैयार होगा लिटरेचर, NDMA ने मांगी डिटेल

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 14, 2023, 3:57 PM IST

Literature on Uttarkashi Tunnel Rescue Operation राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग ने उत्तराखंड सरकार से उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन की डिटेल मांगी है. इसके लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग ने बाकायदा उकत्तराखंड सरकार को पत्र भी लिखा है. जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग को क्या क्या जानकारी चाहिए, इसका जिक्र किया गया है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन को दुनिया के लिए नजीर बनाना चाहता है. इसके लिए उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन पर एक लिटरेचर तैयार किया जा रहा है.

Uttarkashi Silkyara Tunnel Rescue Operation
दुनिया के लिए नजीर बनेगा उत्तरकाशी टनल हादसा

देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा में भारत का सबसे लंबा और सफल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन का पूरा ब्यौरा और स्टडी अब भविष्य में न केवल भारत बल्कि अन्य देशों में भी एक नजीर की तरह पेश की जाएगी. इसी के तहत अब भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने उत्तराखंड सरकार से विस्तृत रिपोर्ट और कई पहलुओं की जानकारी मांगी है. जिसमें 17 दिनों तक चले इस महा रेस्क्यू अभियान को किस तरह से शुरू किया गया और किस तरह से इसको अंजाम तक पहुंचाया गया, इसकी डिटेल मांगी गई है. इसके लिए बाकायदा एनडीएमए ने उत्तराखंड सरकार को पत्र भी लिखा है.

17 दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन

बता दें उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में 17 दिनों तक सात राज्यों को 41 श्रमिक फंसे रहे. जिन्हें निकालने के लिए देश भर के तमाम संसाधनों का उपयोग किया गया. उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में लगभग 2000 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी लगे रहे. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में काम कर रहे लोगों पर न केवल भारत बल्कि देश-विदेश के तमाम लोगों की भी नजर थी. 17 दिन बाद जैसे ही 41 मजदूरों को इस अंधेरी टनल से निकाल गया वैसे ही पूरी दुनिया ने तमाम एजेंसियों का लोहा माना. अब उत्तराखंड में 17 दिनों तक चलाये गये सफल रेस्क्यू ऑपरेशन से दुनिया सीखना चाहती है. इसके लिए बाकायदा इस रेस्क्यू अभियान का एक लिटरेचर तैयार किया जा रहा है.

ग्राफिक्स से समझिये उत्तरकाशी टनल हादसा

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग ने उत्तराखंड सरकार को इसके लिए उत्तराखंड सरकार को एक पत्र लिखा है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र में उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन की एक-एक रिपोर्ट मुहैया कराये जाने की बात कही है. इसके लिए सरकार ने आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रणजीत सिंह को इसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है. पत्र में दुनिया के लिए एक अनोखा रेस्क्यू अभियान किस तरह से शुरू हुआ और इस पूरे रेस्क्यू अभियान की भूमिका कब से बननी शुरू हुई, किस-किस ने क्या-क्या काम किया है, किस मशीन की क्या भूमिका रही, आखिरकार टनल में ऐसी कौन सी कमी थी जिसकी वजह से 17 दिनों तक मजदूर फंसे रहे, इस बीच अभियान में लगे लोगों को किन-किन चुनौतियों से जूझना पड़ा, इन सभी बातों की विस्तार से जानकारी मांगी गई है.

17 दिन बाद सकुशल बाहर निकले 41 श्रमिक

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कितनी विकट परिस्थितियों में कितने समय और कितने लोगों के साथ इस रेस्क्यू अभियान को पूरा किया गया है? इसमें कौन-कौन से विशेषज्ञों को लगाया गया? कौन-कौन सी चुनौतियां इस बीच आई?. इस ऑपरेशन से क्या-क्या सबक लिया गया? इस तरह के प्रोजेक्ट में क्या-क्या कमियां हो सकती हैं, जिस वजह से यह हादसा हुआ है? इन सभी सवालों के जवाब देने के लिए भी पत्र में कहा गया है.

उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पर तैयार होगा लिटरेचर

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उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग तमाम एजेंसियों और अधिकारियों से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगकर एक पूरा ब्यौरा तैयार करने में जुट गया है. जिसके बाद इस ब्यौरे को एनडीएमए को भेजा जाएगा. उम्मीद है कि भविष्य में उत्तराखंड में हुए इस सफल ऑपरेशन की प्लानिंग से निकला जानकारियां अन्य देशों की काम भी आ सकेंगी.

उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में लगभग 18 से अधिक ऐजेंसियों ने किया काम

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