पलामू:छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक बड़ा नक्सली हमला हुआ है. इस हमले में कई सुरक्षाबल शहीद हो गए हैं. नक्सलियों के खिलाफ पूरे देश में चलाए जा रहे अभियान से नक्सली बौखलाए हुए हैं और देश में बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में थे. चतरा में नक्सली मुठभेड़ में मारे गए बड़े कमांडरों के क्रियाकलाप की जानकारी के आधार पर खुफिया विभाग के सूत्रों ने ये अलर्ट जारी किया था कि देश में कोई बड़ी घटना हो सकती है.
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खुफिया विभाग के अलर्ट के मद्देनजर चतरा में बड़ी पुलिस कार्रवाई में टॉप माओवादी कमांडर मारे गए, जिसके बाद यह माना जाने लगा कि सुरक्षाबलों ने बड़ी कामयाबी हासिल कर ली. लेकिन उसके बाद भी दंतेवाड़ा की घटना ने सुरक्षाबलों को बड़ा नुकसान किया है. छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड बिहार सीमा पर नक्सली बड़े वारदात को अंजाम देना चाहते थे और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षाबलों ने हमले को अंजाम देने से पहले साजिश रचने वाले सभी नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया.
दरसल जून 2022 में सुरक्षाबलों ने झारखंड बिहार सीमा पर छकरबंधा के इलाके में नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया. अभियान के क्रम में सुरक्षाबलों ने छह से भी अधिक लैंडमाइंस बरामद किए थे. इसके अलावा उन्होंने कई दस्तावेज भी बरामद किए थे, जिसमें हमले की बात सामने आई थी. हमले की जिम्मेदारी टॉप माओवादी गौतम पासवान और अजीत उर्फ चार्लीस को दी गई थी, लेकिन 3 अप्रैल 2023 को चतरा के लावालौंग के इलाके में सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में गौतम पासवान और अजीत उर्फ चार्लीस समेत पांच टॉप माओवादी मारे गए.
मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार माओवादी नंदकिशोर ने सुरक्षाबलों को बताया था कि माओवादी झारखंड-बिहार सीमा, झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर बड़े नक्सल हमले को अंजाम देने की फिराक में थे, ताकि नक्सलियों का खौफ कायम रहे. उसने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को बताया था कि नक्सली सुरक्षाबलों को टारगेट कर उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे. छकरबंधा और बूढ़ापहाड़ को खाली करने के बाद नक्सली बौखलाहट में थे. 2016 में बिहार के गया और औरंगाबाद सीमा पर हुए नक्सली हमले में कोबरा के 10 जवान शहीद हुए थे. इस हमले में टॉप गौतम पासवान, अजित उर्फ चार्लीस नेतृत्व कर रहे थे.
माओवादियों ने अपने टेक्निकल एक्सपर्ट अजित उर्फ चार्लीस को ही हमले की जिम्मेदारी सौंपी थी और लैंड माइंस लगाने को कहा था. अजित उर्फ चार्लीस ने ही माओवादियों के लिए इम्प्रोवाइज मिसाइल विकसित कर रहा था जबकि झारखंड-बिहार सीमा पर इसी ने नक्सलियों के लिए रॉकेट लॉन्चर बनाया था. अजित उर्फ चार्लीस तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के नक्सलियों के साथ ट्रेनिंग ले चुका है.