दिल्ली

delhi

बच्चों ने Chief Justice को लिखी चिट्ठी, 'मैदान नहीं है, गली में अंकल आंटी छिपा देते हैं बॉल', HC ने केंद्र-राज्य से मांगा जवाब

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 18, 2023, 4:50 PM IST

Uttarakhand High Court ने बच्चों के गली मोहल्ले में खेलने संबंधित समस्याओं को गंभीरता से लिया है. मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से दो हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही पूछा है कि खेलो इंडिया में ऐसी कोई पॉलिसी भी है, जिससे बच्चों के लिए मैदान बनाया जा सके. ताकि, उनका शारीरिक विकास हो सके. Children Playing In Streets Case

Uttarakhand High Court
नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीतालः गली मोहल्ले में बच्चों के खेलने संबंधित दिक्कतों के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, खेल सचिव उत्तराखंड, निदेशक खेल, सचिव शहरी विकास को पक्षकार बनाकर नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि खेलो इंडिया के तहत कोई ऐसी पॉलिसी है, जिसके तहत बच्चों के शारीरिक विकास के लिए प्ले ग्राउंड बनाया जा सके. इस संबंध में दो हफ्ते के भीतर जवाब पेश करें.

दरअसल, गली मोहल्ले में खेलने वाले बच्चों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था. जिसमें बच्चों का कहना है कि उनके आस पास या पड़ोस में कोई खेल का मैदान नहीं है. ऐसे में जब वो स्कूल के बाद गली में खेलने के लिए जाते हैं तो पास वाली आंटी या अंकल उनकी बॉल छुपा देते हैं. कभी-कभी उनको डांटते हैं और गली में खेलने के लिए मना कर भगा देते हैं. बच्चों की ओर से पत्र में कहा गया है कि उनको खेलने के लिए जरूरी सामान और मैदान उपलब्ध कराया जाए.
ये भी पढ़ेंःनौकरी को लेकर पैरा खिलाड़ियों का छलका दर्द! अब सरकार के फैसले का धरातल पर उतरने का इंतजार

वहीं, बच्चों ने विराट कोहली के साथ भी अपनी इस समस्या को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया है. जिस पर कोहली ने कहा है कि बच्चों को रोको न टोको, उन्हें खेलने दो. क्योंकि, शुरुआत यहीं से होती है. सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरभ गांगुली ने भी यहीं से शुरुआत की थी. सुनवाई पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बच्चों के शारीरिक विकास के लिए खेल आवश्यक है. उसके लिए संसाधनों की आवश्यकता होती है.

वर्तमान समय में बच्चे टीवी, मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर में गेम खेल कर अपना समय बिता रहे हैं. जिसकी वजह से उनका शारीरिक विकास पर प्रभाव पड़ रहा है. इसके साथ सामाजिक और मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है. फिलहाल, इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अब इस मामले की सुनवाई अब हाईकोर्ट में 9 अक्टूबर को होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details