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Monsoon Session 2023: रसायन, पेट्रोरसायन क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना पर विचार करेगी सरकार: सीतारमण

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Published : Jul 27, 2023, 1:59 PM IST

राज्यसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा भारत को इन उत्पादों का विनिर्माण केंद्र बनाने का है.

Nirmala Sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा भारत को इन उत्पादों का विनिर्माण केंद्र बनाने का है. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के कड़े नियमों और श्रम की बढ़ती लागत के मद्देनजर रसायन उद्योग के वैश्विक विनिर्माता अपने उत्पादों और उत्पादन क्षमता में विविधता लाने पर विचार कर रहे हैं और भारत विनिर्माण के लिए एक वैकल्पिक गंतव्य के रूप में उभर रहा है.

उन्होंने 'भारत में वैश्विक रसायन और पेट्रोरसायन विनिर्माण केंद्र' विषय पर शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण को संबोधित करते हुए बृहस्पतिवार को यहां कहा कि इसके अलावा भारत एक बड़ा घरेलू बाजार भी प्रदान करता है. उन्होंने कहा, ''हम भारत को विनिर्माण केंद्र बनाना चाहते हैं. इसलिए हम रसायन और पेट्रोरसायन पर पीएलआई योजना लाने पर विचार करेंगे.'

सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि जिस उद्योग में व्यापक संभावनाएं हैं, उसे स्थिरता, कार्बन उत्सर्जन, सामान्य प्रदूषण और भूजल प्रदूषण को ध्यान में रखकर विनिर्माण क्षमता का निर्माण करना चाहिए. वित्त मंत्री ने कहा, 'हमें याद रखना है कि भारत ने 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने और 2070 तक शून्य कॉर्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है. यह लक्ष्य तबतक हासिल नहीं हो सकता, जबतक कि सभी उद्योग और सभी क्षेत्र इसमें अपना योगदान नहीं दें.'

सीतारमण ने कहा, 'हम हरित वृद्धि पर ध्यान दे रहे हैं. कार्बन गहनता को कम करने की जरूरत है. ऐसे में प्रत्येक क्षेत्र को इसमें योगदान देना होगा.' उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा प्रतिबद्धताएं भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. भारतीय उद्योग जगत को शुद्ध शून्य उत्सर्जन और गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट की स्थापित बिजली क्षमता के लक्ष्य को ध्यान में रखना चाहिए.

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उन्होंने उद्योग जगत से हाइड्रोजन मिशन पर भी ध्यान देने का आग्रह किया. सरकार ने उत्सर्जन में कटौती के लिए हरित हाइड्रोजन के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने को 19,744 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है.

(पीटीआई-भाषा)

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