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जम्मू-कश्मीर में शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी बनीं सेना में अफसर, बेटे को मां पर गर्व

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Published : Nov 20, 2021, 3:46 PM IST

Updated : Nov 20, 2021, 4:07 PM IST

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शहीद नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल आज चेन्‍नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से पास आउट हुई हैं. इस खास मौके पर ज्‍योति के साथ उनके दोनों बच्‍चे भी मौजूद थे.

हैदराबाद : तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी के लिए शनिवार का दिन बेहद खास रहा. आज इस अकादमी से कुल 178 कैडेट पास आउट हुए, जिनमें 124 पुरुष, 29 महिलाएं और 25 विदेशी नागरिक शामिल हैं. सबसे खास बात यह है कि इनमें शहीद नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल भी अपने सपने को पूरा कर सैन्य अधिकारी बन गईं.

पीओपी के दौरान मौजूद रहे ज्योती नैनवाल के बच्चे.

बता दें कि नायक दीपक नैनवाल वर्ष 2018 में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. नवनियुक्त भारतीय सेना अधिकारी ज्योति नैनवाल के दो बच्चे भी हैं. शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से वह पास आउट के दौरान उनके दोनों बच्चे भी मौजूद रहे. इस दौरान ज्योति नैनवाल ने कहा कि मैं अपने पति की रेजिमेंट को धन्यवाद देना चाहती हूं. वे हर कदम पर मेरे साथ खड़े हैं और मुझे बेटी की तरह मानते हैं. बहादुर महिलाओं के लिए, मैं 'जन्म' के लिए नहीं, बल्कि 'कर्म' के लिए मां बनना चाहती हूं, और मैं जो कुछ भी जीऊंगी, वह मेरे बच्चों के लिए एक उपहार होगी.

परिवार की रगों में है देश प्रेम का जुनून

ज्योति के दो बच्चे हैं. एक बेटी लावण्या और एक बेटा रेयांश, बच्चों की उम्र आठ और पांच साल है. ज्योति ने चौथे प्रयास में सबसे कठिन शारीरिक और मनौवैज्ञानिक परीक्षाओं में से एक एसएसबी पास कर अपने ससुरालवालों की परंपरा को जारी रखा है, जो तीन पीढ़ियों से सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वीर भूमि उत्तराखंड की कई वीरांगनाओं ने पहले ही ऐसे कई प्रेरणादायक कदम उठाये हैं. इससे पहले शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी निकिता, शहीद शिशिर मल्ल की पत्नी संगीता और शहीद अमित शर्मा की पत्नी प्रिया भी पति की शहादत के बाद भारतीय सेना का हिस्सा बनी थीं.

आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए थे दीपक

दीपक नैनवाल 10 अप्रैल 2018 दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान गोलियां लगने से जख्मी हो गए थे. दीपक का इलाज पहले दिल्ली के सेना अस्पताल में किया गया. बाद में उन्हें पुणे भेजा गया था. दीपक ने पुणे में ही इलाज के दौरान 22 मई 2018 को आखिरी सांस ली. 22 मई 2018 को शहीद दीपक नैनवाल का अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया गया था.

मां के सेना में अफसर बनने पर रेयांश को गर्व

लावण्या कक्षा चार में पढ़ती है और रेयांश कक्षा एक में पढ़ता है. मां के सेना में अफसर बनने पर रेयांश को गर्व है और वह भी आगे चलकर फौजी बनकर देश सेवा करना चाहता है.

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अफगान नेशनल आर्मी के सात कैडेट आज चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से पास आउट हुए. वे आने वाले दिनों में दिल्ली में अपने दूतावास को रिपोर्ट करेंगे.

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Last Updated :Nov 20, 2021, 4:07 PM IST

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