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कई राज्यों ने कोविड 19 की वैक्सीन की कमी, सरकारों ने केंद्र से की मांग

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Published : Dec 29, 2022, 6:47 PM IST

कोविड 19 के नए वेरिएंट बीएफ.7 (BF.7) के प्रसार को रोकने के लिए कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह कोविड 19 टीकों का स्टॉक उपलब्ध कराएं, ताकि वे एहतियाती खुराक के साथ पात्र आबादी का टीकाकरण कर सकें. पढ़ें इस पर हमारे वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

covid 19 vaccine shortage
कोविड 19 की वैक्सीन की कमी

नई दिल्ली: कोविड के नए वेरिएंट बीएफ.7 के बढ़ते मामलों के बीच बड़ी संख्या में लोगों ने एहतियाती खुराक लेना शुरू कर दिया है, जिसके चलते भारत भर के अस्पतालों में टीकों की कमी देखी जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, केरल, ओडिशा जैसे राज्यों ने सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में टीकों की कमी की सूचना दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख कंदरियाम मंडाविया ने इस बारे में जानकारी दी.

उन्होंने कहा, 'हां, कई राज्य सरकारों ने टीकों की कमी की सूचना दी है.' ईटीवी भारत से बात करते हुए मंडाविया ने कहा कि फिलहाल उनका मंत्रालय कई राज्यों के पास उपलब्ध अतिरिक्त टीकों की आपूर्ति उन लोगों को करेगा, जो टीके की कमी का सामना कर रहे हैं. मंडाविया ने कहा, 'हम स्थिति का आकलन करेंगे और उसके अनुसार हम वैक्सीन निर्माण कंपनियों को अधिक टीकों के लिए ऑर्डर देने की आवश्यकता पर विचार करेंगे.' उन्होंने कहा कि राज्य दोनों टीकों- कोवैक्सिन और कोविशील्ड की कमी बता रहे हैं.

ईटीवी भारत के पास उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य सरकारों के पास दोनों टीकों की वर्तमान उपलब्धता 73,49,280 है. महाराष्ट्र (16,93,380), झारखंड (12,54,030), राजस्थान (9,74,380), तेलंगाना (9,56,290) और छत्तीसगढ़ (2,66,920) कोविड19 टीकों की अधिकतम उपलब्धता वाले शीर्ष पांच राज्य हैं. दूसरी ओर, गोवा, मिजोरम, ओडिशा, सिक्किम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जैसे राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन के पास कोविड 19 टीकों की शून्य उपलब्धता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट ने कहा गया है, 'निजी क्षेत्र के अस्पतालों का वैक्सीन स्टॉक डेटा सत्यापित नहीं है और इसमें लगातार डेटा गुणवत्ता संबंधी समस्याएं भी हैं. सफल परिणामों के बिना निजी अस्पतालों में वैक्सीन स्टॉक डेटा को सही और अद्यतन करने का प्रयास किया गया है और इसलिए महत्वपूर्ण विश्लेषण के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है.'

रिकॉर्ड के अनुसार, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में उनके स्टॉक में 20,230 टीके उपलब्ध हैं, असम में 2,46,110, बिहार में 1,46,560, चंडीगढ़ में 4,790, दिल्ली में 30, जम्मू-कश्मीर में 4,270, लद्दाख में 270, मणिपुर में 1,960, मेघालय में 5,890, पंजाब में 48,660, त्रिपुरा में 1,500 का स्टॉक है.

भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु के 93,90,39,000 की अनुमानित आबादी है, जो कोविड 19 टीकों की पहली खुराक, दूसरी खुराक और एहतियाती खुराक के लिए पात्र हैं. पहली और दूसरी खुराक के लिए पात्र 12-14 वर्ष की आयु की पात्र जनसंख्या की कुल संख्या 4,71,43,000 है. को-विन डेटा के अनुसार, भारत ने अब तक कुल 2,20,08,17,500 वैक्सीन खुराक दी है, जिसमें 1,02,71,84,263 पहली खुराक, 95,11,76,639 दूसरी खुराक और 22,24,56,598 एहतियाती खुराक शामिल हैं.

हालांकि, आज तक के वैज्ञानिक प्रमाणों से पता चला है कि उपलब्ध भारतीय टीके कोविड-19 के सभी प्रकार से लड़ सकते हैं, स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी-पुणे ने नए वेरिएंट पर भारतीय टीकों की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए कोविड19 वेरिएंट के बीएफ.7 (BF.7) स्ट्रेन को अलग कर दिया है.

केंद्रीय मंत्री ने सभी दवाओं के स्टॉक और उपलब्धता को सुनिश्चित करने को कहा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को फार्मा कंपनियों से कोविड सहित सभी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक और उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा. मंडाविया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फार्मा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ कोविड प्रबंधन दवाओं की स्थिति, पर्याप्तता और उत्पादन क्षमताओं की समीक्षा की. बैठक इस इरादे से आयोजित की गई थी कि भारत किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सुसज्जित है.

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