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चुनाव को लेकर झारखंड से नई शुरुआत, जो पास करेंगे परीक्षा वहीं होंगे मतदानकर्मी

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Published : Jun 20, 2022, 1:37 PM IST

मांडर विधानसभा उप चुनाव से निर्वाचन आयोग देश में एक नई व्यवस्था की शुरुआत करने जा रहा है. आम तौर पर हर चुनाव से पहले मतदानकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाता है. लेकिन इस चुनाव में शामिल होने वाले कर्मियों को प्रशिक्षण के बाद परीक्षा भी पास करना होगा. टेस्ट में 60 फीसदी अंक लाकर परीक्षा पास करने वाले कर्मी ही निर्वाचन कार्य में शामिल हो पाएंगे.

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रांची: मांडर विधानसभा उप चुनाव से निर्वाचन आयोग देश में एक नई पहल करने जा रहा है. अब चुनाव कार्य में शामिल होने के लिए निर्वाचनकर्मियों को प्रशिक्षण के साथ परीक्षा भी पास करना जरूरी होगा. आम तौर पर हर चुनाव से पहले मतदानकर्मियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था स्थानीय जिला प्रशासन के द्वारा की जाती है. लेकिन अब चुनाव आयोग ने प्रशिक्षण के बाद इन निर्वाचन कर्मियों के टेस्ट लेने की व्यवस्था शुरू की है. देश में पहली बार शुरू की गई इस परीक्षा में मांडर विधानसभा उपचुनाव के पोलिंग पार्टी में शामिल प्रजाइडिंग ऑफिसर,पोलिंग वन और पोलिंग टू के कर्मी शामिल हुए.

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ऑनलाइन परीक्षा में 60 फीसदी अंक लाना आवश्यक: चुनाव आयोग के द्वारा आयोजित ऑनलाइन परीक्षा में निर्वाचन कर्मियों को सफल होने के लिए 60 फीसदी अंक निर्धारित किये गये हैं. परीक्षा लेने की जिम्मेदारी असम के गुवाहाटी स्थित राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान को दी गई है. आधे घंटे में मतदानकर्मियों को 25 सवाल का जवाब देना होता है. जिसमें 15 सवाल का सही सही जवाब देना आवश्यक है नहीं तो फिर से प्रशिक्षण और परीक्षा से गुजरना होगा. पहली बार आयोजित हो रहे निर्वाचनकर्मियों के टेस्ट परीक्षा पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी हीरा लाल मंडल का कहना है कि आम तौर पर ट्रेनिंग के वक्त निर्वाचनकर्मी इसे गंभीरता से नहीं लेते जिस वजह से मतदान के दिन बूथों पर कई तरह की गलतियां कर बैठते हैं. ऐसे में प्रशिक्षण के बाद टेस्ट परीक्षा में सफल कर्मियों को ही मतदान के लिए भेजने का निर्णय लिया गया है.

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अधिकतम तीन बार टेस्ट परीक्षा में बैठने का है प्रावधान: चुनाव आयोग द्वारा आयोजित इस परीक्षा में परीक्षार्थियों को अधिकतम तीन बार बैठने का मौका मिलेगा. यदि तीनों बार कोई निर्वाचनकर्मी असफल होता है तो दंड के रुप में उसके सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज किया जायेगा. वहीं सफल अभ्यर्थियों को ऑनलाइन तत्काल प्रमाण पत्र भी देने का प्रावधान है. निर्वाचन कर्मियों को ट्रेनिंग देने आयी ट्रेनर सह नीति आयोग के जिला समन्वयक प्रिया श्रुति इसे चुनाव आयोग की अच्छी पहल बताते हुए कहती हैं कि इससे जहां प्रशिक्षणार्थियों को खुद ट्रेनिंग के बाद यह पता चल जायेगा कि वे कितना सीखें हैं, वहीं मतदान के दौरान बूथों पर होनेवाली परेशानी से भी निजात मिलेगी. क्योंकि छोटे मोटे कारणों से मतदान कार्य के दौरान परेशानी होती है.

पूछे जाते हैं चुनाव प्रक्रिया से संंबंधित सवाल:इधर मांडर विधानसभा उप चुनाव के लिए ट्रेनिंग के पश्चात टेस्ट में सफल हुए बैंककर्मी शैलेश सिंह बताते हैं कि ऑनलाइन परीक्षा में जो भी प्रश्न पूछे गये वे मतदान से ही जुड़ा हुआ है. जो अमूमन बूथों पर हर पोलिंग पार्टी को जानना जरुरी है. गौरतलब है कि परीक्षा में ईवीएम, वीवीपैट,बूथों पर पोलिंग कैसे करायें,ईवीएम को सील कैसे करेंगे, बैलेट पेपर और चुनाव आयोग के विभिन्न फार्म को कैसे भरें सहित अन्य जानकारी पहले मौखिक और प्रायोगिक रुप से देने के पश्चात आयोग द्वारा टेस्ट लेने की व्यवस्था शुरू की गई है. मजेदार बात यह है कि पहली बार शुरू की गई टेस्ट परीक्षा में कई असफल हो गए तत्पश्चात दूसरे और तीसरे प्रयास में कई लोगों को सफलता मिली.
साढ़े 3 लाख आएगा परीक्षा का खर्च:झारखंड में पहली बार निर्वाचनकर्मियों के शुरू हुए इस टेस्ट परीक्षा पर करीब 3.50 लाख रुपये खर्च होंगे. जिसका भुगतान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी को की जायेगी. यदि यह सफल रहा तो 2024 के विधानसभा चुनाव में सभी 81 विधानसभा चुनाव क्षेत्र में निर्वाचनकर्मियों का इसी तरह प्रशिक्षण के उपरांत टेस्ट परीक्षा लेकर ही मतदान केन्द्रों पर भेजा जायेगा.

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