मुंबई :भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से हटने की इच्छा जताई है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि, 'मैंने पीएम को अपनी सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा से अवगत कराया.' ये जानकारी सोमवार को राजभवन ने प्रेस रिलीज के जरिए शेयर की है. राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने हालिया मुंबई यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजनीतिक जिम्मेदारियों से हटने की अपनी इच्छा के बारे में बताया था. वहीं राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'राज्यपाल कोश्यारी ने अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य इत्मीनान की गतिविधियों में बिताने की इच्छा व्यक्त की है.'
कोश्यारी ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा, 'महाराष्ट्र जैसे महान राज्य- संतों, समाज सुधारकों और बहादुर सेनानियों की भूमि के राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात थी.' बयान में राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन साल से ज्यादा समय के दौरान महाराष्ट्र की जनता से मिले प्यार और स्नेह को मैं कभी नहीं भूल सकता. मुझे माननीय प्रधानमंत्री से हमेशा प्यार और स्नेह मिला है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कई बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. उन पर विपक्ष ने पक्षपाती होने का भी आरोप लगाया है.
बता दें कि कोश्यारी ने मराठा क्षत्रप शिवाजी महाराज पर दिए बयान के बाद ही गवर्नर से इस्तीफा देने के संकेत दिए थे. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर शिवाजी महाराज पर अपनी टिप्पणी पर खेद जाहिर किया था. इसके अलावा अमित शाह से पूछा है कि वही बताएं कि आखिर मैं अब क्या करूं? इससे पहले भी कोश्यारी के एक बयान को लेकर हंगामा हुआ था. जुलाई 2022 में उन्होंने कहा था कि अगर महाराष्ट्र से गुजराती और राजस्थानी हट जाएंगे तो मुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने का अपना स्टेट्स खो देगी. उनकी इस टिप्पणी पर सभी पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. बाद में उन्होंने एक माफीनामा जारी करते हुए कहा था कि मुंबई के विकास में कुछ समुदायों के योगदान की सराहना करते हुए शायद मैंने गलती की.
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