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भूमि कानून विकास में बाधक थे: मनोज सिन्हा

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Published : Dec 15, 2022, 9:45 AM IST

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 40 से 45 फीसदी मुकदमे जमीन के रिकॉर्ड को लेकर हैं. हमने भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया है. एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यहां के लोग शांति से रह सकते हैं.

Manoj Sinha
मनोज सिन्हा

श्रीनगर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि आम लोगों के लाभ के लिए भूमि कानूनों में आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं क्योंकि पहले के कानून 'बहुत प्रतिगामी' थे. उन्होंने कहा कि (पुराने) भूमि कानून बहुत प्रतिगामी थे और लोगों के हितों को ध्यान में रखकर नहीं बनाए गए थे. आम आदमी के लाभ के लिए जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं. उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर में भूमि पट्टा धारकों से सरकार को कब्जा वापस करने के लिए कहे जाने के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

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सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में 40 से 45 फीसदी मुकदमे जमीन के रिकॉर्ड को लेकर हैं. हमने भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया है. एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यहां के लोग शांति से रह सकते हैं. एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इससे पहले एलजी ने बारामूला और बांदीपोरा जिलों में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत भर्ती किए गए कर्मचारियों के लिए ट्रांजिट आवास पर चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा की.

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प्रेस विज्ञप्ति में बुधवार को कहा गया कि सिन्हा ने आज बारामूला और बांदीपोरा में पीएम पैकेज के कर्मचारियों के लिए ट्रांजिट आवास के चल रहे निर्माण कार्य की समीक्षा की. एलजी ने सभी कार्यों को समय पर पूरा करने पर जोर दिया. एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि उन्होंने बारामूला और बांदीपोरा में लगे अधिकारियों और इंजीनियरों के साथ बातचीत की. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि संबंधित उपायुक्तों ने बिजली, जलापूर्ति और अन्य अतिरिक्त कार्यों सहित विभिन्न विभागों से संबंधित कार्यों की प्रगति के बारे में एलजी को जानकारी दी.

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उपराज्यपाल के साथ जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता, कश्मीर संभागीय आयुक्त पांडुरंग के पोले और एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार भी थे.

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