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कोटा में कोचिंग के लिए आई नाबालिग ने दिया बच्ची को जन्म, घटना से सभी स्तब्ध, जाने क्या है कहानी

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Published : May 30, 2023, 4:18 PM IST

राजस्थान के कोटा में एक माह पहले कोचिंग करने आई नाबालिग छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया है. इस घटना के बाद से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. वह इसलिए क्योंकि नाबालिग का प्रसव निश्चित समय पर हुआ है.

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कोटा में कोचिंग के लिए आई नाबालिग ने दिया बच्ची को जन्म

कोटा. मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करने के लिए एक माह पहले कोटा आई कोचिंग छात्रा के प्रसव का मामला सामने आया है. यह 16 वर्षीय नाबालिग छात्रा लैंडमार्क इलाके में एक हॉस्टल में रहती थी. साथ ही निजी कोचिंग में पढ़कर नीट यूजी एग्जाम की तैयारी कर रही थी. बालिका को प्रसव पीड़ा होने के बाद जेकेलोन अस्पताल में भर्ती करवाया था. जहां पर सोमवार को उसने बच्ची को जन्म दिया है. हालांकि इस संबंध में उसके माता-पिता किसी भी तरह की कोई जानकारी शेयर करना नहीं चाह रहे हैं. दूसरी तरफ, वह कानूनी कार्रवाई भी इस मामले में नहीं कर रहे हैं. पहले वे नवजात बालिका को भी शिशु गृह को सौंपने के लिए तैयार नहीं थे. बाद में परिजनों ने बाल कल्याण समिति को नवजात बच्ची की कस्टडी सौंप दी है.

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नाबालिग ने सामान्य प्रसव के जरिए बालिका को जन्म दियाः इस मामले की जानकारी मिलने पर स्वप्रेरणा से चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की चेयर पर्सन कनीज फातिमा, मेंबर विमल चंद जैन और अरुण भार्गव जेकेलोन अस्पताल पहुंचे थे. इस दौरान पुलिस उप अधीक्षक द्वितीय शंकर लाल मीणा भी मौजूद थे. साथ ही बालिका की काउंसलिंग के लिए शिशु गृह से काउंसलर भी लेकर गए थे. बालिका से बात भी टीम के सदस्य ने की है. अध्यक्ष कनीज फातिमा और सदस्य विमल चंद जैन दोनों का ही कहना है कि नाबालिग ने सामान्य प्रसव के जरिए सोमवार सुबह 9:00 बजे के करीब बालिका को जन्म दिया है. वह मूलतः गुना जिला मध्य प्रदेश की निवासी है. यह घटनाक्रम कोटा में नहीं हुआ है. ऐसे में कोटा पुलिस इस मामले की जांच नहीं कर सकती है. इसके चलते कोटा पुलिस जीरो FIR दर्ज करेगी. साथ ही उसे गुना पुलिस से शेयर कर दिया जाएगा. काफी समझाइश के बाद वे बच्चे की कस्टडी सीडब्ल्यूसी को सौंपने के लिए तैयार हुए हैं.

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कहीं बदनामी के डर से कोटा तो नहीं आए परिजनः दूसरी तरफ, अब सवालिया निशान यह भी लग रहा है कि नाबालिग एक महीने पहले ही कोटा क्यों आई. उसने 26 अप्रैल को निजी कोचिंग में फीस जमा करवाकर एडमिशन लिया. इसके बाद कुछ दिन पढ़ने गई और फिर अनुपस्थित होने लगी. साथ ही 20 मई के बाद वह लगातार अनुपस्थित चल रही है. वह पहले से ही गर्भवती थी. प्रसव पूरे समय यानी 8 से 9 महीने के बीच में ही हुआ है. इसके पहले वह गुना जिले में ही परिवार के साथ रह रही थी. ऐसे में उसे मध्यप्रदेश में बदनामी के डर से बचने के लिए परिजन कोटा लेकर तो नहीं आए हैं? बालिका की माता सरकारी टीचर हैं. वहीं उसके पिता किराने की दुकान संचालित करते हैं. बालिका का छोटा भाई कोटा में ही एक अन्य हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा है.

माता-पिता ने दी गलत जानकारीः बालिका के प्रेग्नेंट कैसे हुई इस बारे में माता-पिता अनभिज्ञता जता रहे हैं. बालिका अभी बेहोशी की हालत में है. ऐसे में उससे बातचीत नहीं हो पाई है. जबकि परिजनों का कहना है कि बीते दिनों यह गिर गई थी और पैर में मोच आ गई थी. जिसके बाद वह कोटा आए थे, तभी इस बारे में जानकारी मिली है. बालिका के नाम से लेकर अन्य कई जानकारियां अलग-अलग अस्पताल में शेयर कर रहे हैं. ऐसे में काउंसलिंग टीम को संदेह है कि वह गलत जानकारियां ही दे रहे हैं.

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