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जम्मू-कश्मीर में 2020 की पूर्व संध्या पर 'जंगल राज' समाप्त हो गया : सिन्हा

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Published : Aug 15, 2021, 4:39 PM IST

Updated : Aug 15, 2021, 4:59 PM IST

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा कि जम्मू-कश्मीर में 'जंगल राज' 2020 की पूर्व संध्या पर समाप्त हो गया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशासन घाटी में कश्मीरी पंडितों की सम्मान के साथ वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. पढ़िए पूरी खबर..

मनोज सिन्हा
मनोज सिन्हा

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में 'जंगल राज' 2020 की पूर्व संध्या पर समाप्त हो गया और हिंसा मुक्त जिला विकास परिषद (डीडीसी) का चुनाव कराकर केंद्र शासित प्रदेश में जमीनी स्तर के लोकतंत्र को मजबूत किया गया. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने रविवार को यह बात कही.

पूर्व राज्य के विशेष दर्जे को रद्द करने के केंद्र के फैसले का जिक्र करते हए सिन्हा ने कहा कि 2019 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लिए नये युग की शुरुआत की.

सिन्हा ने यहां शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा, 'जमीनी स्तर के लोकतंत्र को मजबूत किया गया है, आम नागरिकों की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं को पूरा किया जा रहा है. कश्मीरियत की भावना के साथ यानी सभी धर्मों एवं पंथों को साथ लेकर विकास की यात्रा पर अग्रसर, हम नयी उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं.'

मनोज सिन्हा का बयान.

उन्होंने कहा कि, 'वाजपेयी के जम्हूरियत के सिद्धांत' को जम्मू-कश्मीर में दशकों तक धरातल पर पनपने नहीं दिया गया और 'लोकतंत्र की कलक्टरी परंपरा' थी. सिन्हा ने कहा, 'उनके घर पर चार-पांच क्षेत्रों के विधायकों के नामांकन हुए. इसलिए, एक तरफ जनता के चुने हुए प्रतिनिधि थे तो दूसरी तरफ कलेक्टर साहब के प्रतिनिधि.'

सिन्हा ने कहा कि 2019 में, प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के नये युग की शुरुआत की. उन्होंने कहा, 'लेकिन 2020 की पूर्व संध्या को इस 'जंगल राज' का खात्मा हो गया और पूरे जम्मू-कश्मीर ने निष्पक्ष, पारदर्शी और हिंसा मुक्त डीडीसी चुनावों में भाग लिया.'

केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत मिले जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को पांच अगस्त, 2019 को समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित कर दिया था. आतंकवाद को शांति और विकास के लिए अभिशाप बताते हुए सिन्हा ने कहा कि पड़ोसी देश युवाओं को भड़काने की दुर्भावनापूर्ण कोशिश कर रहा है, लेकिन छद्म युद्ध के जरिए युवाओं को गुमराह करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.

उन्होंने कहा, 'हम सभी नागरिकों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जो भी छद्म युद्ध के माध्यम से युवाओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, उसे करारा जवाब दिया जाएगा. अपने ही लोगों की परवाह नहीं करने वाला पड़ोसी देश हमारे कुछ युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहा है.'

जानकारी देते संवाददाता.

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उपराज्यपाल ने सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की, 'जिन्होंने अपनी अद्भुत वीरता, साहस और बलिदान से भारत की एकता, अखंडता को बरकरार रखा है.'

सिन्हा ने घोषणा की कि प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जम्मू-कश्मीर की प्रगति में अमूल्य योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों, बहादुर सैनिकों और शख्सियतों की याद में विभिन्न स्थानों और संस्थानों का नामकरण किया जाएगा.

उपराज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस 2021 जम्मू-कश्मीर और पूरे देश के लिए विशेष है, क्योंकि आज की नई पीढ़ी का उत्सव, संकल्प, ऊर्जा और उत्साह 2047 में स्वतंत्रता के शताब्दी समारोह के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा.

कश्मीरी पंडितों की सम्मान के साथ वापसी सुनिश्चित करने के प्रतिबद्ध
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रशासन घाटी में कश्मीरी पंडितों की सम्मान के साथ वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विकास पैकेज के तहत घाटी में कश्मीरी प्रवासियों को अस्थायी तौर पर बसाने और रोजगार उपलब्ध कराने के संबंध में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है.

उन्होंने कहा, 'सरकार कश्मीरी पंडित भाई-बहनों की सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.'

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घाटी को 50,000 करोड़ रु के निवेश प्रस्ताव की उम्मीद
मनोज सिन्हा कहा कि केंद्र शासित क्षेत्र 50,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की उम्मीद कर रहा है. इससे 10 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि कहा कि अब तक, 23,500 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. दिसंबर 2021 तक 35,000 करोड़ रुपये और मार्च 2022 तक 50,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिलने की उम्मीद है, जिनसे कम से कम 10 लाख युवा लड़कों और लड़कियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

सिन्हा ने भगवद गीता को उद्धृत करते हुए कहा कि प्रशासन 'यतो धर्मः ततो जयः' (जहां धर्म है, वहां सुशासन है, वहीं व्यवस्था और विजय है) की भावना का पालन कर रहा है.

(अतिरिक्त इनपुट-पीटीआई भाषा)

Last Updated :Aug 15, 2021, 4:59 PM IST

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