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BJP With JDS : कर्नाटक में जेडीएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी भाजपा !

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2023, 1:24 PM IST

भारतीय जनता पार्टी और जेडीएस के बीच समझौता करीब-करीब हो गया है. बहुत संभव है कि वे लोकसभा का चुनाव मिलकर लड़ेंगे. हालांकि, सीटों को लेकर अभी रस्सा-कशी जारी है.

HD devegowda , ex pm
एचडी देवेगौड़ा, पूर्व पीएम

बेंगलुरु : कर्नाटक में जेडीएस और भाजपा के बीच गठबंधन करीब-करीब तय हो गया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इसके संकेत दे दिए हैं. कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई ने भी ऐसे संकेत दिए थे. जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी भी इस ओर इशारे करते रहे हैं.

अभी कुछ दिन पहले ही जेडीएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई थी. हालांकि, उस बैठक के बाद कुछ भी जानकारी नहीं दी गई थी, लेकिन राजनीति में इस तरह की बैठकों के मायने निकाले जाते हैं. माना यह जा रहा है कि दोनों से बीच सैद्धान्तिक सहमति हो चुकी है. ऐलान समय आने पर होगा.

खुद बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इन बैठकों को वह सकारात्मक नजरिए से देख रहे हैं. हां, अब दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर सहमति बनाना इतना आसान नहीं है. वह भी तब जबकि भाजपा लोकसभा सीटों के हिसाब से कर्नाटक में अच्छी स्थिति में है. उसे 28 में से 25 सीटों पर जीत मिली थी. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कुछ सीटों पर जिसको लेकर जेडीएस दावा कर रही है, भाजपा उतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. जेडीएस चाहती है कि उसे मांड्या, हासन, बेंगुलरु, चिकब्बलापुर और तुमाकुरु सीट दी जाए.

वैसे, राजनीतिक रूप से देखें, तो इनमें से हासन, मांड्या, तुमाकुरु और बेंगुलरु (ग्रामीण) सीट पर जेडीएस की स्थिति अच्छी रही है और देवेगौड़ा परिवार के सदस्य यहां से चुनाव लड़ते रहे हैं. हासन से देवेगौड़ा के पोते चुनाव लड़ चुके हैं. बेंगलुरु ग्रामीण से एचडी कुमार स्वामी की पत्नी उम्मीदवार रह चुकी हैं. मांड्या से कुमारस्वामी के बेटे और तुमकुर से खुद देवेगौड़ा चुनाव लड़ते रहे हैं. इन सीटों पर वोक्कालिगा समुदाय का खासा प्रभाव है.

अब सवाल ये है कि क्या इससे भाजपा को फायदा होगा या नहीं. परंपरागत रूप से भाजपा को लिंगायत समुदाय का अच्छा खासा वोट मिलता रहा है. और वोक्कालिगा समुदाय का वोट जेडीएस को मिलता रहा है. हालांकि, हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में वोक्कालिगा समुदाय का एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस की ओर झुकता हुआ नजर आया था. और इसी तरह से लिंगायत समुदाय में भी कांग्रेस को लेकर सॉफ्ट नजरिया रहा. फिर भी अगर ये दोनों दल एक साथ आ जाते हैं, तो वोटों के हिसाब से उन्हें बड़ी कामयाबी मिल सकती है. कम से कम आंकड़े तो जरूर इस ओर इशारा कर रहे हैं. मैसुरु रीजन में जेडीएस मजबूत है.

विधानसभा चुनाव में भाजपा को 36.3 फीसदी मत प्राप्त हुआ. जेडीएस को 13.4 प्रतिशत मत मिला. कांग्रेस को 43.2 फीसदी मत मिला था. अब आप समझ सकते हैं कि भाजपा जेडीएस का गठबंधन कांग्रेस को किस हद तक प्रभावित कर सकता है.

वैसे, यह अलग बात है कि पिछली बार लोकसभा चुनाव में 28 में से भाजपा को 25 सीटें मिली थीं. भाजपा को 51.7 फीसदी मत मिला था. इसी तरह से कांग्रेस को एक सीट मिली थी, लेकिन मत 32.1 फीसदी मिला था. जेडीएस को एक सीट मिली थी, लेकिन मत 9.7 फीसदी मिला था. उससे पहले की बात करें यानी 2014 की तो भाजपा को 17, कांग्रेस को नौ और जेडीएस को दो सीटें मिली थीं.

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