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Jammu-Kashmir News: EOW ने पूर्व बीसीसीबी हाजिन शाखा प्रबंधक व क्लर्क के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र

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Published : Jul 19, 2023, 3:24 PM IST

आर्थिक अपराध शाखा ने बुधवार को बीसीसीबी बैंक के शाखा प्रबंधक और क्लर्क के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है. पुलिस इन दोनों आरोपियों के खिलाफ कई विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है.

Baramulla Central Co-Operative Bank Limited
बारामूला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड

श्रीनगर:आर्थिक अपराध शाखा, श्रीनगर (अपराध शाखा कश्मीर) ने बुधवार को बारामूला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बीसीसीबी) की हाजिन शाखा के पूर्व शाखा प्रबंधक और क्लर्क के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.

बयान के मुताबिक, अब्दुल रजाक वानी (तत्कालीन शाखा प्रबंधक, बीसीसीबी शाखा हाजिन) और गुलाम अहमद शाह (तत्कालीन क्लर्क, बीसीसीबी शाखा हाजिन) के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बांदीपोरा की अदालत के समक्ष एक एफआईआर के तहत मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए आरोप पत्र पेश किया गया था. इस एफआईआर में उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन क्राइम ब्रांच कश्मीर में आरपीसी की धारा 420, 468, 471, 409, 120 बी और 201 के तहत मामला दर्ज किया गया था.

बयान में आगे कहा गया कि सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, जम्मू-कश्मीर ने अपराध शाखा कश्मीर को एक संचार और संलग्नक भेजकर आरोप लगाया कि बारामूला सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने बेईमानी और धोखाधड़ी से बैंक की विभिन्न शाखाओं में बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और गबन किया था.

इस मामले को लेकर क्राइम ब्रांच कश्मीर के प्रवक्ता ने कहा कि मामले (एफआईआर संख्या 23/2016) में एक जांच शुरू की गई थी, जो 2016 में क्राइम ब्रांच के पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. प्रवक्ता के मुताबिक जांच के दौरान यह बात सामने आई कि अब्दुल रजाक वानी ने अपने क्लर्क गुलाम अहमद शाह के साथ एक आपराधिक साजिश रची थी, जिसके परिणामस्वरूप बैंक कर्मचारियों ने जमाकर्ताओं को धोखा दिया था.

इसके साथ ही वित्तीय दस्तावेजों, रिकॉर्डों में जालसाजी की थी और लाखों रुपये की महत्वपूर्ण सार्वजनिक धन राशि का दुरुपयोग और गबन किया था. उन्होंने आगे कहा कि पूछताछ के दौरान एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर दोनों को रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) की धारा 420, 468, 471, 409, 120-बी और 201 के तहत दंडनीय अपराधों का दोषी पाया गया है, जिसे लेकर न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था.

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