दिल्ली

delhi

तीन देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के विरोध में SC पहुंची IUML, BJP ने कांग्रेस को घेरा

By

Published : Jun 2, 2021, 7:52 PM IST

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान (Guru Prakash Paswan) ने कहा कि आईयूएमएल (IUML) ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की इस अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इस पार्टी से गठबंधन है. यह लोग साथ में चुनाव लड़ते हैं.

गुरू प्रकाश पासवान
गुरू प्रकाश पासवान

नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान (Guru Prakash Paswan) ने कहा कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती दी है, जिसमें पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh), अफगानिस्तान (Afghanistan) के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों (बड़ी संख्या में दलित समाज) को भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) देने की मंजूरी दी गई है.

ये भी पढे़ं : पंजाब कांग्रेस कलह : बैठक का तीसरा दिन, महत्वपूर्ण विषयों पर हो रही चर्चा

उन्होंने कहा कि आईयूएमएल (IUML) ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की इस अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इस पार्टी से गठबंधन है. यह लोग साथ में चुनाव लड़ते हैं. आईयूएमएल (IUML) के इस कदम पर कांग्रेस चुप्पी साधी हुई है. कांग्रेस की चुप्पी उन लोगों की दलितों के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक है.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान

'कांग्रेस का असली चेहरा उजागर'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा धर्म के नाम पर राजनीति करती है. राजनीतिक लाभ लेने के लिए कांग्रेस ने हमेशा दलितों का इस्तेमाल किया है. सच्चाई यह है कि कांग्रेस को दलितों की कोई चिंता नहीं है. इस मुद्दे पर कांग्रेस आईयूएमएल (IUML) के साथ खड़ी है. कांग्रेस का असली चेहरा उजागर हो गया है.

बता दें, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 28 मई को इस अधिसूचना में गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा में रह रहे इन तीन देशों के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता का आवेदन करने का अधिकार दिया है.

ये भी पढे़ं : भारत सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देशों में शुमार, फिर टीके की कमी का कौन है जिम्मेदार : प्रियंका गांधी

आईयूएमएल (IUML) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के लंबित मामले में आवेदन दाखिल कर केंद्रीय गृह मंत्रालय की 28 मई की अधिसूचना को इस आधार पर चुनौती दी है कि नागरिकता अधिनियम के प्रावधान धर्म के आधार पर आवेदकों के वर्गीकरण की इजाजत नहीं देते हैं. बता दें,आईयूएमएल ने ही सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को चुनौती दी थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details