कुल्लू: देशभर में विजयादशमी के साथ भले ही दशहरा का समापन हो गया हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश में विजयादशमी पर अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का आगाज होता है. इस 7 दिवसीय दशहरा में सैंकड़ों देवी-देवताओं का अद्भुत संगम होता है. कुल्लू दशहरा में ढालपुर का रथ मैदान मानों जैसे देवलोक बन जाता है. हर साल लाखों सैलानी अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव को देखने कुल्लू पहुंचते हैं. वहीं, इस दौरान कल्चर परेड की सबसे ज्यादा धूम रहती है. इस बार 15 देशों के कलाकारों ने कल्चर परेड में अपनी देश की संस्कृति और कला का प्रदर्शन किया. इस दौरान कुल्लू किसी विदेशी कार्निवाल के रंग में पूरी तरह रंगी नजर आई.
कुल्लू दशहरा हिमाचल की परंपरा और संस्कृति की अनोखी धरोहर है. इस दशहरा में देश-विदेश से कलाकार अपनी कला-संस्कृति का प्रदर्शन करने आते हैं. इस बार भी कुल्लू दशहरा के दूसरे दिन 15 देशों के कलाकारों ने अद्भूत झांकियां निकाली. जिसे देखने हजारों की संख्या में पहुंचे लोग देश-विदेश की संस्कृति और कला को देखकर अभिभूत हो गए. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में इस बार 15 देश के कलाकारों ने झांकिया निकाली.