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Coastal Cleanup Day : समुद्र में 2050 तक मछलियों से ज्यादा होगी कचरे की मात्रा, जलीय जीवों के अस्तित्व पर संकट

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 16, 2023, 11:38 AM IST

Updated : Oct 15, 2023, 10:16 AM IST

अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस (International Coastal Cleanup Day) का मुख्य उद्देश्य समुद्र या नदी किनारे कचरे के बारे में आम लोगों से लेकर नीति निर्माताओं को जागरूक करना (Awareness About Garbage Problem) है, ताकि इस समस्या से निपटने में ज्यादा से ज्यादा जन भागिदारी मिल सके और भविष्य में समुद्री कचरे को रोका जा सके. पढ़ें पूरी खबर..

International Coastal Cleanup Day
अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस

हैदराबाद :अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस (International Coastal Cleanup Day-ICCD) की शुरुआत 1986 में अमेरिका स्थित वाशिंगटन राज्य के पश्चिमी तट पर किया गया था. आज ही के दिन सितंबर 1986 में ओसियन कंजरवेंसी (Ocean Conservancy) नामक संगठन की ओर से अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस की शुरूआत के बाद हर साल इस दिवस का आयोजन किया जाता है. ओसियन कंजरवेंसी एक संगठन है, जो समुद्र को आने वाली चुनौतियों से बचाने की दिशा में काम करता है. इसके बाद से हर साल सितंबर महीने के तीसरे शनिवार को अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस मनाया जाता है. इस कारण इस 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस मनाया जा रहा है.

तटीय सफाई दिवस का उद्देश्य
अंतरराष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस का मुख्य उद्देश्य समुद्र, नदी या अन्य प्राकृतिक जल श्रोत को प्राकृतिक रूप से स्वच्छ रखना. जल श्रोतों के किनारे बेहतर कचरा प्रबंधन प्रणाली तैयार करना. इसमें सरकारी-सरकारी एजेंसियों, नीति निर्माताओं,स्थानीय नागरिकों, पर्यटकों, व्यापारियों को स्वच्छ जल श्रोतों के फायदे के बारे में जागरूक करना है. साथ ही पहले से मौजूद कचरों को जनभागिदारी से निपटारा करना है.

समुद्र किनारे कचरे की सफाई करते लोग
पर्यावरण से जलीय जीवों को नुकसान ( फोटो- नीति आयोग)

प्लास्टिक का उपयोग सबसे बड़ी समस्या
नीति आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में 97-99 फीसदी प्लास्टिक जीवाश्म ईंधन फीड स्टॉक से प्राप्त होते हैं. मात्र 1-3 फीसदी बायो आधारित प्लास्टिक तैयार होता है. सन 1950 में मात्र 2 टन प्लास्टिक का उत्पादन हो रहा था. 2015 में यह उत्पादन 381 मिलियन टन तक पहुंच गया. वैश्विक आंकड़ों के अनुसार 2014-15 में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक उत्पादन 28 किलोग्राम था. अनुमान के मुताबिक यह आंकड़ा 30 किलोग्राम प्रतिव्यक्ति तक पहुंच गया है.

समुद्र किनारे कचरे की सफाई करते एनजीओ के सदस्य

समुद्र में पहुंच रहा है सालाना 8 टन कचरा
समुद्र में कूड़े की समस्या काफी विकट है. पिछले कई दशकों में दुनिया भर के महासागरों में प्लास्टिक की मात्रा को लेकर अधिक चिंतित व्यक्त की जा रही है. आंकड़ों के अनुसार सालाना समुद्र में 8 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा समुद्र में पहुंच रहा है. अनुमान के मुताबिक समुद्र में अगर इसी रफ्तार से कचरा पहुंचता रहा तो 2050 में मछलियों से ज्यादा कचरे की मात्रा होगी.

वैश्विक पैमाने पर प्लास्टिक की स्थिति

वैश्विक कूड़े में 80 फीसदी प्लास्टिक
आईसीसी (International Coastal Cleanup) के स्वयंसेवक 4 दशकों से समुद्री मलबे पर दुनिया के सबसे बड़े डेटाबेस को अपडेट कर रहे हैं. डेटा का उपयोग दुनिया भर के वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, सरकारें और अन्य लोग वैश्विक प्लास्टिक समस्या को बेहतर ढंग से समझने और इसका हल खोजने के लिए लगातार कर रहे हैं. आईसीसी और अन्य एक अध्ययन के अनुसार वैश्विक कूड़े का 80 फीसदी प्लास्टिक है. इसमें प्लास्टिक बैग, बोतलें, खाद्य कंटेनर और रैपर सहित खाद्य और पेय पदार्थ शामिल है.

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Last Updated : Oct 15, 2023, 10:16 AM IST

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