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दुनिया के छह देशों के रेस्तरां को मिला अन्नपूर्णा प्रमाणपत्र, जानें क्या है भारत सरकार की प्लानिंग

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 13, 2023, 1:02 PM IST

मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित अपने तरह के अनूठे कार्यक्रम में एक इतिहास रचा गया. दुनिया के अलग-अगल देशों में भारतीय खाना सर्व कर रहे छह रेस्तरां को सम्मानित किया गया. एक सम्मान समारोह में इन रेस्तरां के प्रतिनिधियों को अन्नपूर्णा प्रमाणपत्र और ट्रॉफी प्रदान की गई. प्रमाणिक भारतीय खाने के लिए अमेरिका, स्वीडन, कोस्टा रिका, ओमान, मंगोलिया और श्रीलंका के छह भारतीय रेस्तरां को यह सम्मान मिला. Restaurants from six countries, Annapurna certificate, Annapurna Certificate Award, Meenakshi Lekhi

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कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे, प्रसिद्ध अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी और आईसीसीआर के निदेशक कुमार तुहिन उपस्थित रहे.

नई दिल्ली: भारत सरकार भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के माध्यम से सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी से दुनिया भर देशों में लोगों के दिलों में जगह बनाने की कोशिश कर रही है. इसी क्रम में एक पहल है अन्नपूर्णा प्रमाणपत्र. यह प्रमाणपत्र विदेश में प्रमाणिक भारतीय भोजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विदेशों में चल रहे रेस्तरां को दिया जाता है. भारत सरकार ने महसूस किया कि विदेशों में प्रामाणिक भारतीय भोजन को बढ़ावा देने की जरूरत है. इससे अलग-अलग देशों में रेस्तरां चलाने वालों को भी पहचान मिलेगी.

इसी क्रम में अक्टूबर के महीने में चुने गये दूसरे देशों में चल रहे छह रेस्तरां को मंगलवार को सम्मानित किया गया. मंगलवार शाम को, दुनिया के छह अलग-अलग हिस्सों में वर्षों से प्रामाणिक भारतीय भोजन परोसने वाले 6 रेस्तरां को 'अन्नपूर्णा प्रमाणपत्र पुरस्कार' सौंपा गया. श्रीलंका में बालाजी डोसा, अमेरिका में अंबर भारतीय रेस्तरां, स्वीडन में इंडियन स्ट्रीट फूड, ओमान में मुमताज महल मस्कट, मंगोलिया में नमस्ते और कोस्टा रिका में नान और करीज जैसे प्रमुख भारतीय रेस्तरां को सम्मानित किया गया.

इस आयोजन में विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे, प्रसिद्ध अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी और आईसीसीआर के निदेशक कुमार तुहिन उपस्थित थे. पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए, विदेश राज्य मंत्री लेखी ने कहा कि चर्चा और संवाद- कूटनीति का सबसे पुराना रूप भोजन के आसपास विकसित होता है. संस्कृति, भोजन और सभ्यता का संबंध बेहद पुराना है. कूटनीति और भोजन की एक बहुत पुरानी परंपरा रही है. उन्होंने कहा कि मैं इस पहल के साथ आने के लिए आईसीसीआर की सराहना करती हूं.

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