आजमगढ़: सूडान के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से आपरेशन कावेरी के जरिए भारत सरकार भारतीयों को सुरक्षित भारत लेकर आ रही है. इसी के तहत आजमगढ़ के कई युवकों को भी सूडान से वापस लाया गया है. उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी को शुक्रिया अदा करते हुए वहां की युद्ध की विभीषिका के बारे में बताया. युवकों ने बताया की युद्धग्रस्त सूडान में हर तरफ लूटपाट और खौफ का मंजर है. भारतीयों ने तो जिंदा बचने की उम्मीद भी छोड़ दी थी लेकिन भारत सरकार उन्हें सुरक्षित निकाल लाई.
जिले के जीयनपुर के आसपुर घांघरा लाटघाट निवासी अजीत पटेल ने बताया कि वह बीती 23 मई को ओमेगा स्टील कंपनी में काम करने गए थे. उनके साथ बिलरियागंज के पतीला गौसपुर के अनिल यादव, मुबारकपुर के मंजीत यादव साथ थे. उन्होंने कहा कि सूडान में गृहयुद्ध की भयावहता देखकर रूह कांप उठती थी. डर के कारण कई दिनों तक सोए नहीं थे. बस घर की चिंता सता रही थी. जब भारतीय नौसेना का जहाज आया तब हमारी जान में जान आई. अजीत की मां चंद्रकला देवी, पत्नी होशीला व अन्य परिजनों ने सरकार का धन्यवाद दिया.
कप्तानगंज थाना क्षेत्र के मंदुरी निवासी अंबरीश वर्मा 15 माह पूर्व अक्टूबर में कमाने के लिए सूडान गए थे. उन्होने बताया कि गृहयुद्ध के कारण सूडान में पिछले 15 दिनों से हालात बहुत खराब हो गए थे. सप्ताह भर पूरी नीद नहीं सोए. अचानक कहीं पर भी बम गिर जाता था. हमारी कमाई तो वहीं लूट ली गई. अगर हम कुछ दिन और फंसे रहते तो भूख से मर जाते. बताया गया कि उन्हें इंडियन एंबेसी ने पोर्ट सूडान से नेवी, आर्मी और एयरफोर्स की मदद से जेद्दा भिजवाया. वहां से उन्हें हवाई जहाज से दिल्ली लाया गया. यूपी भवन में भोजन व विश्राम कराने के बाद योगी सरकार ने उन्हें घर भेजने और रास्ते में खानपान की व्यवस्था की. इसके लिए उन्होंने सरकार को धन्यवाद दिया.