नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुक्रवार को अच्छी खबर आई. दुनिया के प्रतिष्ठित फाइनेंसर और इन्वेस्टमेंट बैंकर जेपी मॉर्गन ने भारत के सरकारी बॉन्ड (आईजीबी) या सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) को अपने बेंचमार्क इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने की सहमति प्रदान कर दी है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नया मुकाम मिलने की उम्मीद है. जेपी मॉर्गन पिछले दो सालों से भारतीय बाजार पर पैनी नजर रख रहा था.
10 प्रतिशत का वेटेज भारत को मिलेगा - जेपी मॉर्गन की ओर से बताया गया कि हमने भारत को वॉचलिस्ट में डाल रखा था, उसके बाद ही यह निर्णय लिया गया है. औपचारिक रूप से 28 जून 2024 से इसे इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल किया जाएगा. इस इंडेक्स में भारत का कितना वेटेज होगा, इस पर मॉर्गन के अधिकारियों ने बताया कि 10 प्रतिशत का वेटेज भारत को दिया जाएगा.
इसका क्या होगा फायदा- भारत के घरेलू डेट मार्केट में निवेश बढ़ेगा. एक आम आकलन है कि करीब-करीब 30 अरब डॉलर तक का निवेश हो सकता है. साथ ही भारत के लिए उधार लेने की लागत (कॉस्ट ऑफ बॉरोइंग) घटेगी. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने की संभावना है. रुपये के वैल्यू में स्थिरता आने की संभावना है. कंपनियों की लागत घटेगी, क्योंकि उन्हें कम रेट पर बॉरोइंग उपलब्ध होगा.
दरअसल, जैसे ही कॉस्ट ऑफ बॉरोइंग बढ़ता है, तो लागत बढ़ जाती है. राजकोषीय घाटा बढ़ जाता है. लेकिन बॉरोइंग अगर इस इंडेक्स के जरिए आएगी, तो कंपनियों को फायदा पहुंचेगा. अब सरकारी बॉन्ड्स खरीदने पर भी विदेशी पैसा भारत आएगा. दूसरे शब्दों में कहें तो डॉलर बढ़ेंगे. इसलिए रुपये को निश्चित तौर पर फायदा देगा. भारत के आर्थिक सलाहकार ने भी इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में दुनिया का भरोसा बढ़ रहा है.