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रूस और चीन परेशान, भारत को मिला बड़ा मौका, 10 फीसदी वेटेज के साथ इस इंडेक्स में मिली एंट्री

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 22, 2023, 5:22 PM IST

India in Emerging Market Index रूस और चीन जैसी अर्थव्यवस्थाएं अलग-अलग कारणों से परेशानियों में चल रहीं है, ऐसे में भारत के सामने वैश्विक स्तर पर बड़ा मौका मौजूद है. और भारत इसका भरपूर फायदा भी उठा रहा है. इसी कड़ी में जेपी मॉर्गन ने भारत को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने पर अपनी मुहर लगा दी है.

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जेपी मॉर्गन इंडेक्स

नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शुक्रवार को अच्छी खबर आई. दुनिया के प्रतिष्ठित फाइनेंसर और इन्वेस्टमेंट बैंकर जेपी मॉर्गन ने भारत के सरकारी बॉन्ड (आईजीबी) या सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) को अपने बेंचमार्क इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने की सहमति प्रदान कर दी है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नया मुकाम मिलने की उम्मीद है. जेपी मॉर्गन पिछले दो सालों से भारतीय बाजार पर पैनी नजर रख रहा था.

10 प्रतिशत का वेटेज भारत को मिलेगा - जेपी मॉर्गन की ओर से बताया गया कि हमने भारत को वॉचलिस्ट में डाल रखा था, उसके बाद ही यह निर्णय लिया गया है. औपचारिक रूप से 28 जून 2024 से इसे इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल किया जाएगा. इस इंडेक्स में भारत का कितना वेटेज होगा, इस पर मॉर्गन के अधिकारियों ने बताया कि 10 प्रतिशत का वेटेज भारत को दिया जाएगा.

इसका क्या होगा फायदा- भारत के घरेलू डेट मार्केट में निवेश बढ़ेगा. एक आम आकलन है कि करीब-करीब 30 अरब डॉलर तक का निवेश हो सकता है. साथ ही भारत के लिए उधार लेने की लागत (कॉस्ट ऑफ बॉरोइंग) घटेगी. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने की संभावना है. रुपये के वैल्यू में स्थिरता आने की संभावना है. कंपनियों की लागत घटेगी, क्योंकि उन्हें कम रेट पर बॉरोइंग उपलब्ध होगा.

दरअसल, जैसे ही कॉस्ट ऑफ बॉरोइंग बढ़ता है, तो लागत बढ़ जाती है. राजकोषीय घाटा बढ़ जाता है. लेकिन बॉरोइंग अगर इस इंडेक्स के जरिए आएगी, तो कंपनियों को फायदा पहुंचेगा. अब सरकारी बॉन्ड्स खरीदने पर भी विदेशी पैसा भारत आएगा. दूसरे शब्दों में कहें तो डॉलर बढ़ेंगे. इसलिए रुपये को निश्चित तौर पर फायदा देगा. भारत के आर्थिक सलाहकार ने भी इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में दुनिया का भरोसा बढ़ रहा है.

बॉन्ड मार्केट की क्या है स्थिति- भारत का बॉन्ड मार्केट तीसरा सबसे बड़ा मार्केट है. मार्केट कैप करीब 1.2 ट्रिलियन डॉलर का है. हालांकि, भारत के सरकारी बॉन्ड्स की हिस्सेदारी दो फीसदी के आसपास है. दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चीन और रूस, पहले से अलग-अलग कारणों से परेशान हैं. लिहाजा डेट निवेशकों के सामने विकल्प सीमित हो गए हैं. और इसका सबसे अधिक किसी को फायदा मिलेगा, तो वह भारत है. भारत के सामने खुला रास्ता मौजूद है और डेट इन्वेस्टर्स के सामने विकल्प सीमित हैं.

हर महीने एक-एक फीसदी की सीमा बढ़ाई जाएगी- यहां यह भी बता दें कि आईजीबी को 10 महीने की अवधि में चरणबद्ध तरीके से इनकॉरपोरेट किया जाएगा. हरेक महीने एक-एक प्रतिशत की वृद्धि दी जाएगी. मॉर्गन ने बयान जारी कर बताया कि इंडेक्स में भारत का पार्टिसिपेशन 10 फीसदी के वेटेज तक पहुंचने की उम्मीद है.

वित्त मंत्री ने पहले ही किया था इशारा - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 में बताया था कि गवर्मेंट सिक्यूरिटी की कुछ फिक्स्ड श्रेणियां पूरी तरह से अनिवासी निवेशकों के लिए खोली जाएंगी. एक बार जब इसे पूरा कर लिया जाएगा, उसके बाद डोमेस्टिक भी इसमें हिस्सा ले पाएंगे.

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