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विदेश मंत्री जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में शामिल करने का प्रस्ताव दिया

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Published : Oct 13, 2021, 5:39 PM IST

चाबहार बंदरगाह

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मध्य एशिया के तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में मंगलवार को आर्मेनिया पहुंचे. जहां उन्होंने अपने समकक्ष ए. मिरजोयान के साथ एक बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने बुधवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान संपर्क बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए चाबहार बंदरगाह को उत्तर - दक्षिण परिवहन गलियारा में शामिल करने का प्रस्ताव रखा. पढ़ें पूरी खबर...

येरेवान (आर्मेनिया) :भारत केविदेश मंत्री एस जयशंकर ने संपर्क बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को ईरान में रणनीतिक महत्व के चाबहार बंदरगाह को उत्तर - दक्षिण परिवहन गलियारा में शामिल करने का प्रस्ताव किया.

उन्होंने आर्मेनिया के अपने समकक्ष ए. मिरजोयान के साथ यहां एक बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह कहा.

बता दें, जयशंकर मध्य एशिया के तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में मंगलवार को आर्मेनिया पहुंचे. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करना तथा अफगानिस्तान में घटनाक्रमों सहित प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करना है.

जयशंकर ने अपनी टिप्पणी में कहा, भारत और आर्मेनिया, दोनों देश अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएससटीसी) के सदस्य है. यह संपर्क में आने वाली बाधाओं को खत्म कर सकता है. इसलिए मंत्री मिरजोयान और मैंने ईरान में विकसित किये जा रहे चाहबहार बंदरगाह में आर्मेनिया की रूचि पर चर्चा की.

उन्होंने कहा, हमनें प्रस्ताव किया कि चाबहार बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा में विकसित किया जाए, हम चाबहार बंदरगाह के उपयोग और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाने वाली किसी भी अन्य कोशिश का स्वागत करते हैं.

ईरान के संसाधन संपन्न सिस्तान-बलोचिस्तान प्रांत के दक्षिणी तट पर स्थित चाबहार बंदरगाह तक भारत के पश्चिमी तट से आसानी से पहुंचा जा सकता है और इसे पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का मुकाबला करने वाला माना जा रहा है, जो चाहबहार से करीब 80 किमी दूर स्थित है.

पढ़ें :भारत की यूरेशिया तक पहुंच के लिए चाबहार बंदरगाह महत्वपूर्ण : विशेषज्ञ

राजनीतिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध विस्तारित होने का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग तथा पर्यटन, आतिथ्य सत्कार, बुनियादी ढांचा व निवेश को और मजबूत करने की स्पष्ट रूप से गुंजाइश है.

उन्होंने कहा कि भारत और आर्मेनिया के बीच एक अहम सेतु भारतीय छात्रों की बड़ी संख्या है. उन्होंने कहा, उनमें से करीब 3,000 छात्र आर्मेनिया में मेडिकल शिक्षा हासिल कर रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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