गर्मी और तेज धूप का प्रभाव सिर्फ मनुष्यों और जानवरों पर ही नही पड़ता है बल्कि पेड़ पौधों पर भी काफी ज्यादा पड़ता है. इस मौसम में यदि पेड़-पौधों का थोड़ा सा भी ध्यान ना रखें तो उनमें नमी में कमी आ सकती है, तेज धूप के प्रभाव में उनके पत्ते जल सकते हैं, साथ ही उनकी मिट्टी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है.
इंदौर की पुष्पांजलि नर्सरी के मालिक तथा बागवानी विशेषज्ञ अतुल राठौर बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में पौधों को सीधी धूप में ज्यादा देर तक रखने से बचना चाहिए. वरना पौधों के खराब होने या उनका पत्तों का रंग बदलने का खतरा हो सकता है. वह बताते हैं इस मौसम में ज्यादातर लोग पौधों में जरूरी मात्रा में पानी देने में गड़बड़ कर देते हैं. लोगों को लगता है की गर्मी का मौसम है तो पौधों में ज्यादा पानी डालना चाहिए, जबकि जितना नुकसान पौधों में कम पानी डालने से होता है उतना ही नुकसान उनमें जरूरत से बहुत ज्यादा पानी डालने से भी हो सकता है.
सही मात्रा में पानी जरूरी
अतुल राठौर बताते हैं कि गर्मियों में जहां तक संभव हो पानी छिड़ककर या वॉटर केन से देना चाहिए. इससे पौधों में नमी बढ़ती है और पानी भी उनकी जड़ों तक पर्याप्त मात्रा में पहुँच जाता है. वहीं कई बार जब पाइप से गमलों में या पेड़ों की जड़ों में पानी दिया जाता है तो पानी की एक धार के कारण आमतौर पर पौधों की जड़ें खुल जाती हैं. जिससे उन्हे नुकसान पहुँच सकता है. इसके अलावा यदि तेज़ धूप में पौधों की पत्तियों के ऊपर पानी की बुँदे रह जाती हैं तो कई बार वे मैग्नीफाइंग ग्लास सरीखा काम करती हैं और पत्तों पर गर्मी के असर को बढ़ा देती हैं. नतीजतन पत्तियां झुलस जाती हैं और पौधा मुरझा भी सकता है.
वह बताते हैं कि इस मौसम में कई लोग इस सोच के साथ कि गर्मियों में तेज़ धूप से बचाव के लिए पौधों को अधिक पानी देना ज़रूरी है, लोग पौधों में काफी ज्यादा पानी डाल देते हैं. जो सही नही है. हो सकता है कि तेज गर्मी में गमले की मिट्टी की ऊपरी परत सुखी हुई लगे लेकिन यदि पौधे को नियमित और नियंत्रित रूप से पानी दिया जाता रहता है तो मिट्टी के 15-20 सेमी नीचे नमी बनी रहती है. इसलिए इस मौसम में ज्यादा नहीं लेकिन प्रतिदिन पौधे की जरूरत अनुसार निश्चित समय और उचित मात्रा में पानी देना काफी रहता है.
इंडोर और आउटडोर प्लांट्स की देखभाल
वह बताते हैं कि गर्मियों के मौसम में घर में और बाहर बगीचों में लगे पौधों , सभी को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. इस मौसम में भी पौधे हरे-भरे व स्वस्थ बने रहें इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखा जा सकता है.
- इस मौसम में बगीचे के रखे पौधों को सीधे धूप में रखने से बचना चाहिए. इसके लिए यदि बगीचा खुले (आँगन, छत ता खुली बालकनी) में है तो उन पर ग्रीन शेड (धूप से बचाने वाला हरे रंग का कपड़ा) लगाया जा सकता है. इससे पौधे सीधी धूप के संपर्क में आने से बच जाते हैं. वहीं ऐसे पौधे जिन्हे ज्यादा धूप की जरूरत ना हो उन्हे हमेशा दीवार के पास या ऐसे स्थान पर रखें जहां उन तक सीधी धूप ना पहुँच पाए. या फिर जरूरत पड़ने पर उन पर किसी कपडे या अन्य माध्यम से शेड भी लगाया जा सकता है.
- मौसम और पौधे की जरूरत के अनुसार पौधों का स्थान बदलते रहना चाहिए.
- पौधों तथा उनकी मिट्टी का पोषण बना रहे इसके लिए गर्मियों में नियमित अंतराल पर जरूरी मात्रा में उनमें खाद भी डालते रहें.
- तेज धूप होने पर पौधों की जड़ों के साथ ही क्यारियों की मिट्टी या गमलों की मिट्टी को खाद, सूखी घास, पत्तियों, टहनियों, लकड़ी के बुरादे या अखबार से ढक कर रखना चाहिए . इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है. वहीं मिट्टी के ऊपर छोटे-छोटे रंग-बिरंगे पत्थर भी रखे जा सकते हैं. जो देखने में सुंदर भी लगते हैं.
- हाथ से पौधों की छटाईं करने से बचना चाहिए. छटाई तथा कटाई के लिए हमेशा कैंची या अन्य उपकरणों का ही उपयोग करें. इस मौसम में पौधों की नियमित ट्रिमिंग फायदेमंद हो सकती है.