मुंबई : महाराष्ट्र के मुंबई में कांदिवली स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी 'हीरानंदानी एस्टेट सोसाइटी' के निवासियों द्वारा कथित टीकाकरण के मामले पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने मामले पर कहा कि पुलिस को जांच करने दें. हाउसिंग सोसायटियों को बीएमसी से एनओसी लेना चाहिए. यह सरकार पर है कि वह यह सुनिश्चित करे कि वैक्सीनेशन के लिए जो टीम आ रही है, वह वैध है.
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कहा है कि उक्त शिविर बिना उनकी अनुमति के लगाया गया था और उसका किसी भी अस्पताल के साथ कोई करार नहीं था. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
क्या है मामला
हीरानंदानी एस्टेट सोसाइटी (Hiranandani Estate Society) के निवासियों ने कथित टीकाकरण घोटाले में ठगे जाने का दावा किया है. मुंबई पुलिस के अनुसार टीकाकरण के लाभार्थियों को वैक्सीनेशन के प्रमाण पत्र तो प्राप्त हुए, लेकिन टीकाकरण की अलग-अलग तिथियों और स्थानों के साथ. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है.
सोसायटी के एक निवासी ने कहा कि लाभार्थियों को विभिन्न अस्पताल नामों के साथ टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी किए गए थे, जिससे उन्हें बड़े टीकाकरण धोखाधड़ी का संदेह है. टीकाकरण अभियान के तहत बीते 30 मई को लगभग 390 लोगों को टीका लगाया गया था. प्रत्येक खुराक की कीमत 1,260 रुपये थी और सुविधाकर्ता को उन्होंने लगभग 5 लाख रुपये का भुगतान किया था. हालांकि टीकाकरण के बाद किसी में कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है.
बता दें कि सोसाइटी में 435 फ्लैट हैं, जिसमें तीन आवासीय टावर शामिल हैं. यहां लगभग 390 निवासियों ने इस अभियान में भाग लिया था. निवासियों ने अपनी शिकायत में कहा था कि कोकिलाबेन अस्पताल के बिक्री प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले एक सूत्रधार राजेश पांडे (Rajesh Pandey) ने उनके सोसायटी परिसर में 400 वैक्सीन खुराक उपलब्ध कराने के लिए उनके साथ बातचीत की.
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