नई दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कहा कि कनाडा को लेकर उसका प्रमुख मुद्दा उस देश में सक्रिय भारत विरोधी तत्वों को दी गई जगह को लेकर है और साथ ही उसने उम्मीद जताई कि वह भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत को उम्मीद है कि कनाडा अलगाववादियों और भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
बागची ने कहा, 'अब भी मुख्य मुद्दा अलगाववादियों और भारत विरोधी तत्वों को दी जा रही जगह है.' खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में की गई हत्या से भारतीय एजेंटों को जोड़ने के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद से भारत और कनाडा के संबंधों में गंभीर तनाव रहा है. ट्रूडो की ओर से सितंबर में लगाए गए इस आरोप को भारत ने सख्ती से खारिज कर दिया था.
वहीं बागची ने कहा कि चेक गणराज्य की जेल में बंद निखिल गुप्ता मामले में भारत को कम से कम तीन बार राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई गई. अमेरिका ने गुप्ता पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हमें (गुप्ता मामले में) तीन बार राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराई गई.' अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गुप्ता अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश के लिए एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम कर रहे थे. भारत ने आरोपों की जांच के लिए पहले ही एक जांच समिति गठित की हुई है.
इसके अलावा पाकिस्तान सेना प्रमुख के अमेरिकी दौरे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हां, हमने इस संबंध में कुछ रिपोर्टें देखी हैं. आतंकवाद और सीमा पार हमलों के लिए पाकिस्तान के समर्थन को लेकर हमारी चिंता जगजाहिर है. हमें उम्मीद है कि अन्य देश भी काउंटर-टेररिज्म को गंभीरता से लेंगे.