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मध्य प्रदेश : हाथियों के झुंड ने एक ही परिवार के तीन लोगों को कुचल कर मार डाला

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Published : Aug 26, 2021, 8:48 PM IST

मध्य प्रदेश के अनूपपुर में जंगली हाथियों (Herd of Wild Elephants) ने कुटिया में रह रहे तीन लोगों को कुचल कर मार डाला. मरने वालों में पति-पत्नी व उनका मासूम पोता शामिल है. वन अमले ने हाथियों के आने की सूचना ग्रामीणों तक नहीं पहुंचाई, जिसके चलते इतनी बड़ी घटना घट गई.

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भोपाल :अनूपपुर जिले के बेलगांव में हाथियों ने एक ही परिवार के तीन लोगों को कुचलकर मार डाला. मृतकों में पति-पत्नी व मृतक का पोता शामिल है. परिवार के तीन सदस्यों की मौत से गांव में शोक की लहर है.

हाथियों का दल मनेन्द्रगढ़ व केल्हारी रेंज सीमा में विचरण कर रहा था. जिन्हें भगाने के लिए ग्रामीणों ने पटाका फोड़ा. ग्रामीणों के पटाखा फोड़ने से हाथियों का दल उग्र हो गया. इस दौरान उनके चपेट में आने से एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई. हाथियों ने ग्रामीणों के घरों को भी तोड़ दिया. हाथियों का ये दल वापस मनेन्द्रगढ़ वन परिक्षेत्र व केल्हारी परिक्षेत्र सीमा क्षेत्र स्थित हंसिया नाला में विचरण कर रहा है.

जिले के भरतपुर विकासखंड में पिछले तीन दिन से सात हाथियों का एक दल विचरण कर रहा है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हाथियों का यह दल बीते दिनों बड़वार बीट के आसपास ही धूम रहा था. जिस पर वन विभाग नजर रखे हुए है. विभाग की तरफ से ग्रामीणों को हाथियों के नजदीक जाने से मना किया गया है, बावजूद ग्रामीण अपने तरीके से हाथियों को खदेड़ने में लगे रहते हैं.

वन अमले की लापरवाही से गई जान

मृतक के पुत्र पवन केवट ने बताया कि वह तथा उसकी पत्नी एवं भाई बेल गांव स्थित दूसरे घर में रहते थे, उसके पिता गयादीन मां मुन्नी बाई पटेरा टोला में बने कुटिया में रहते थे. गुरुवार की सुबह उसे सूचना मिली कि उसके माता-पिता एवं 4 वर्षीय मासूम बच्चे को जंगली हाथियों के दल (Herd of Wild Elephants) ने कुचलकर मार (Elephants Crushed to Death Three Members of Same Family) डाला है, उसने इस बात से साफ इनकार किया कि उसके परिवार को वन अमले के द्वारा किसी भी तरह की सूचना दी गई थी या आगाह किया गया था.

हाथियों के आने की नहीं मिली सूचना

कोतमा विधायक सुनील सर्राफ घटना की सूचना मिलने के बाद गुरुवार की सुबह मौके पर पहुंचे, जहां उनके द्वारा ग्रामीणों से वन अमले द्वारा सूचना दिए जाने की बात पूछी गई, जिस पर सरपंच राजभान सिंह तथा सचिव रज्जू यादव ने बताया कि रात में लगभग 10:00 बजे वन अमले ने हाथियों के दल (Herd of Wild Elephants) के आने की सूचना दी थी, जिसकी जानकारी सोशल मीडिया पर ग्रामीणों को दे दी गई थी, जबकि वन अमले ने किसी भी तरह की मुनादी नहीं कराई. पीड़ित परिवार गरीब था, जोकि मजदूरी करके अपना पेट पालता था, मोबाइल भी नहीं था, ऐसे में हाथियों के पहुंचने की सूचना उस तक नहीं पहुंची, जिसके बाद रात के समय 7 सदस्यीय हाथियों के दल ने उस पर हमला करते हुए मौत (Elephants Crushed to Death Three Members of Same Family) के घाट उतार दिया.

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