नई दिल्ली : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. समारोह से जुड़े लोगों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मैक्रों छठे फ्रांसीसी नेता होंगे, जिन्हें गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य अतिथि बनने का अवसर मिलेगा. भारत ने इस अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने जनवरी, 2024 में नई दिल्ली की यात्रा करने में असमर्थता जतायी. मैक्रों ने भारत का यह निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. उन्होंने पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद दिया. मैक्रों ने कहा कि वह उनके साथ सेलिब्रेट करेंगे.
माना जा रहा है कि बाइडन के भारत आने में असमर्थता की वजह जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन, उनकी दोबारा राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी और हमास-इजराइल संघर्ष पर अमेरिका की बढ़ती तवज्जो है. सूत्रों ने बताया कि इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मैक्रों को भारत का आमंत्रण रक्षा और सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, व्यापार और निवेश और नयी प्रौद्योगिकियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के प्रगाढ़ होते संबंध के बीच आया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई में बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया था. यह कार्यक्रम फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह का हिस्सा है.
रक्षा मंत्रालय ने जुलाई महीने में ही फ्रांस से (नौसेना के इस्तेमाल के लिए) 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने को मंजूरी दी थी, जिनकी तैनाती देश में ही निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर की जाएगी. फ्रांस लड़ाकू विमान खरीदने के लिए शुरुआती निविदा का जवाब पहले ही दे चुका है.
भारत अपने गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए हर साल विश्व नेताओं को आमंत्रित करता है. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 2021 और 2022 में गणतंत्र दिवस पर किसी को भी बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित नहीं किया गया था. राष्ट्रपति मैक्रों गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले छठे फ्रांसीसी नेता होंगे. इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी मुख्य अतिथि थे. वर्ष 2020 में, ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे.
मरीन राफेल को लेकर अब तक क्या हुआ- फ्रांसीसी सरकार ने 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के लिए भारत की निविदा पर औपचारिक प्रतिक्रिया पेश की है, जिसमें भारतीय नौसेना के विमान वाहक - आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य के लिए सौदे की नियम-शर्तें और मूल्य निर्धारण शामिल हैं. रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह डील करीब 50,000 करोड़ रुपये की हो सकती है. भारत के स्वीकृति पत्र (एलओए) के जवाब में फ्रांस ने अब नई दिल्ली में अपनी बोली जमा कर दी है. अन्य देशों में सैन्य बिक्री से जुड़े फ्रांसीसी सरकारी अधिकारियों की एक टीम भारतीय निविदा पर बोली लगाने के लिए पेरिस से आई है.