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गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि : निमंत्रण मिलने पर फ्रांस के राष्ट्रपति बोले, 'थैंक यू माय डियर फ्रेंड मोदी'

By PTI

Published : Dec 22, 2023, 7:51 PM IST

Updated : Dec 22, 2023, 7:56 PM IST

Macron accepted invitation : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों अगले साल होने वाले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे. मैक्रों ने इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. मैक्रों ने कहा कि वह इस यात्रा को लेकर काफी उत्सुक हैं. उनकी इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर बातचीत होगी. इनमें मरीन राफेल जेट और स्पेस इकोनोमी से लेकर अन्य मुद्दों पर निर्णायक पहल होगी. आपको बता दें कि भारत ने पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को आमंत्रित किया था, लेकिन अन्य कार्यक्रमों में व्यस्तता की वजह से नहीं वह नहीं आएंगे.

France President
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों

नई दिल्ली : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. समारोह से जुड़े लोगों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मैक्रों छठे फ्रांसीसी नेता होंगे, जिन्हें गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य अतिथि बनने का अवसर मिलेगा. भारत ने इस अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने जनवरी, 2024 में नई दिल्ली की यात्रा करने में असमर्थता जतायी. मैक्रों ने भारत का यह निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. उन्होंने पीएम मोदी को इसके लिए धन्यवाद दिया. मैक्रों ने कहा कि वह उनके साथ सेलिब्रेट करेंगे.

माना जा रहा है कि बाइडन के भारत आने में असमर्थता की वजह जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन, उनकी दोबारा राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी और हमास-इजराइल संघर्ष पर अमेरिका की बढ़ती तवज्जो है. सूत्रों ने बताया कि इसके बाद फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.

गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मैक्रों को भारत का आमंत्रण रक्षा और सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, व्यापार और निवेश और नयी प्रौद्योगिकियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के प्रगाढ़ होते संबंध के बीच आया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई में बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया था. यह कार्यक्रम फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह का हिस्सा है.

रक्षा मंत्रालय ने जुलाई महीने में ही फ्रांस से (नौसेना के इस्तेमाल के लिए) 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने को मंजूरी दी थी, जिनकी तैनाती देश में ही निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर की जाएगी. फ्रांस लड़ाकू विमान खरीदने के लिए शुरुआती निविदा का जवाब पहले ही दे चुका है.

भारत अपने गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए हर साल विश्व नेताओं को आमंत्रित करता है. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 2021 और 2022 में गणतंत्र दिवस पर किसी को भी बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित नहीं किया गया था. राष्ट्रपति मैक्रों गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले छठे फ्रांसीसी नेता होंगे. इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी मुख्य अतिथि थे. वर्ष 2020 में, ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे.

मरीन राफेल को लेकर अब तक क्या हुआ- फ्रांसीसी सरकार ने 26 राफेल मरीन जेट खरीदने के लिए भारत की निविदा पर औपचारिक प्रतिक्रिया पेश की है, जिसमें भारतीय नौसेना के विमान वाहक - आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य के लिए सौदे की नियम-शर्तें और मूल्य निर्धारण शामिल हैं. रक्षा सूत्रों ने बताया कि यह डील करीब 50,000 करोड़ रुपये की हो सकती है. भारत के स्वीकृति पत्र (एलओए) के जवाब में फ्रांस ने अब नई दिल्ली में अपनी बोली जमा कर दी है. अन्य देशों में सैन्य बिक्री से जुड़े फ्रांसीसी सरकारी अधिकारियों की एक टीम भारतीय निविदा पर बोली लगाने के लिए पेरिस से आई है.

इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-समुद्री लड़ाकू जेट खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दी थी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने फ्रांसीसी सरकार से भारतीय नौसेना के लिए संबंधित सहायक उपकरण, हथियार, सिम्युलेटर, स्पेयर, दस्तावेज, चालक दल प्रशिक्षण और रसद समर्थन के साथ 26 राफेल-समुद्री लड़ाकू जेट की खरीद के लिए अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) के जरिए स्वीकृति (एओएन) प्रदान की है.

मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों द्वारा समान विमान की तुलनात्मक खरीद कीमत सहित सभी प्रासंगिक पहलुओं को ध्यान में रखने के बाद कीमत और खरीद की अन्य शर्तों पर फ्रांसीसी सरकार के साथ बातचीत की जाएगी. भारतीय डिज़ाइन किए गए उपकरणों के एकीकरण और विभिन्न प्रणालियों के लिए रखरखाव, मरम्मत और संचालन (एमआरओ) हब की स्थापना को उचित बातचीत में अनुबंध दस्तावेजों में शामिल किया जाएगा.

प्रस्तावित सौदे के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा फ्रांसीसी आयुध महानिदेशालय को एक विस्तृत अनुरोध पत्र (एलओआर) भी जारी किया गया था. सूत्रों ने बताया कि इसमें 22 सिंगल-सीट जेट और चार ट्विन-सीट ट्रेनर के साथ-साथ हथियार, सिम्युलेटर, स्पेयर, क्रू ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट शामिल थे. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, फ्रांस ने अब अपनी पेशकश, कीमत और अन्य विवरण के साथ जवाब दिया है.

लागत पर बातचीत और सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की अंतिम मंजूरी के बाद एक बार अनुबंध पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद डिलीवरी तीन साल में शुरू हो जाएगी. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, विमान और पनडुब्बियों की फौरन जरूरत है, क्योंकि भारतीय नौसेना कमी का सामना कर रही है और विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की जरूरत है. विमान वाहक - आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत - मिग -29 का संचालन कर रहे हैं और दोनों वाहकों पर संचालन के लिए राफेल की जरूरत है.

एक सूत्र ने बताया कि इन सौदों की कीमत हजारों करोड़ रुपये होने का अनुमान है, लेकिन अंतिम लागत अनुबंध पर बातचीत पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगी. एक अधिकारी ने कहा, भारत कीमत में कुछ रियायत मांग सकता है और इसमें 'मेक इन इंडिया' सामग्री पर अधिक ध्यान देने पर भी जोर दे सकता है.

सूत्रों ने बताया कि स्पेस इकोनोमी पर दोनों देशों के बीच अहम समझौता होगा. दरअसल, रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत की जरूरत फ्रांस से अधिक पूरी हो रही है. लिहाजा, दोनों देश रक्षा क्षेत्रों को लेकर काफी करीब आए हैं और मैक्रों की यात्रा को इसी नजरिए से देखने की जरूरत है.

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Last Updated :Dec 22, 2023, 7:56 PM IST

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