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जानें कैसे एक फैसले से बन गए सामाजिक न्याय के हीरो वीपी सिंह

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 26, 2023, 5:31 PM IST

Updated : Nov 26, 2023, 6:35 PM IST

संभ्रांत तपके से आने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह की ओर से पिछड़ों के लिए आरक्षण के फैसले ने रातों-रात उन्हें पिछड़ो का मसीहा बना दिया. लेकिन उनके फैसले ने भारतीय राजनीति का ताना-बाना और दिशा-दशा सब बदलकर रख दिया. 27 नवंबर 2008 को 77 साल की उम्र में ब्लड कैंसर से उनका निधन हो गया. पुण्यतिथि पर पढ़ें उनके जीवन के प्रमुख उतार-चढ़ाव कैसा रहा....Former Prime Minister Vishwanath Pratap Singh, VP Singh, 8th PM Of India, Hero Of Social Justice, Mandal Commission, Mandal 1, Mandal 2.

Vishwanath Pratap Singh
वीपी सिंह की पुण्यतिथि आज

हैदराबाद :27 नवंबर कोभारत के आठवें प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की 15वीं पुण्यतिथि है. बिहार में जातिगत गणना के बाद आरक्षण की सीमा बढ़ाये जाने की घोषणा के बाद से फिर से वीपी सिंह चर्चा में हैं. कुछ राजनीतिक विश्लेषक भारत में आरक्षण की राजनीति को मंडल-2 की राजनीति (Mandal 2.0) का नाम दे रहे हैं. महज 11 महीने के कार्यकाल (2 दिसंबर 1989-10 नवंबर 1990) में बीपी सिंह ने मंडल कमीशन की अनुसंशा को आरक्षण के रूप में लागू कर भारतीय राजनीति को नया मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया. इसके बाद से आजतक उन पर भारतीय जनमानस को बांटने के आरोप (विभाजनकारी व्यक्ति) लग रहे हैं. आरक्षण का लाभ पाने वाले उन्हें मसीहा मानते हैं. वहीं आरक्षण की वजह से अवसरों को गंवाने वाले उन्हें खलनायक के रूप में देखते हैं.

मंडल कमीशन के हीरो
वीपी सिंह
वीपी सिंह की पुण्यतिथि आज

आरक्षण पर फैसले के बाद वीपी सिंह को पूरे देश में काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. माना जाता है कि आरक्षण पर फैसले के कारण उन्हें राजनीति रूप से बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. वहीं आरक्षण के फैसले से जिस वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा हुआ वे उस अनुपात में वीपी सिंह के समर्थन में नहीं आये. ये अलग बात है कि उनके पक्ष में एक नारा काफी चर्चित हुआ था 'वीपी सिंह राजा नहीं फकीर हैं, देश का तकदीर है'.वहीं भ्रष्टाचार के मसले पर वीपी सिंह काफी सख्त माने जाते हैं. उनके बारे में एक कहावत काफी प्रचलित थी-जब वे वित्त मंत्री थे, तबतक उनके घर के 3 किलोमीटर के आसपास कोई व्यापारी नहीं गुजरता था. कुछ राजनीति विश्लेषकों का कहना है कि उनके सख्त लहजे के कारण उन्हें वित्त मंत्रालय से हटाकर रक्षा मंत्रालय में भेजा गया था.

डॉ. अंबेडकर से काफी लगाव था वीपी सिंह को
बीपी सिंह सामाजिक न्याय का हिमायती थे. आरक्षण के बारे में उनके फैसले को सभी लोग जानते हैं. इसके अलावा उनके कार्यकाल के दौरान कई फैसले लिये गये थे. उनके कार्यकाल के दौरान संसद के सेंट्रल हॉल में डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई और उन्हीं दिनों डॉ. अंबेडकर को भारत देने का देने का फैसला लिया गया था. बहुत कम लोगों को पता है कि भूदान आंदोलन में वे दिलों-जान से जुटे थे. इसी दौरान उन्होंने अपनी जमीन को भूदान में दे दिया. इसके बाद इनके परिवार के लोगों ने इनसे नाता तोड़ लिया था.

वीपी सिंह की पुण्यतिथि आज
  1. 25 जून 1931 इलाहाबाद में जन्म हुआ
  2. उनके पिता का नाम राजा बहादुर राम गोपाल सिंह था
  3. 25 जून 1955 को सीता कुमारी से विवाह
  4. वीपी सिंह के 2 बेटे-अजेय सिंह व अभय सिंह
  5. 1947-48 के उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी छात्र संघ अध्यक्ष रहे
    वीपी सिंह की पुण्यतिथि आज
  6. 1947-48 के बीच इलाहाबाद विश्वविघालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष रहे
  7. 1957 में भूदान आंदोलन में सक्रिय हुए.
  8. 1957 में इलाहाबाद जिले के पासना गांव में भूदान में जमीन को दान किया.
  9. जमीन दान करने के बाद परिवार वालों ने नाता तोड़ लिया था.
  10. 1969-71 तक उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे
  11. 1971-74 तक लोक सभा के सदस्य रहे
  12. अक्टूबर 1974-नवंबर 1976 तक वाणिज्य उपमंत्री रहे
  13. नवंबर 1976-मार्च 1977 तक केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री रहे
  14. 2 जनवरी-26 जुलाई 1980 तक लोकसभा के सदस्य रहे
  15. 21 नवंबर-1980 से 28 जून 1982 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे
  16. 21 नवंबर 1980 से 14 जून 1981 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य रहे
  17. 15 जून 1981 से 16 जुलाई 1983 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे
  18. 29 जनवरी 1983 को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री बने
  19. 15 फरवरी 1983 को वाणिज्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार
  20. 16 जुलाई 1983 को राज्यसभा के सदस्य चुने गये
  21. 1 सितंबर 1984 को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चुने गये
  22. 31 दिसंबर 1984 को केंद्रीय वित्त मंत्री बने
  23. जनवरी 1987 में वित्त मंत्री से हटाकर उन्हें रक्षा मंत्री बना दिया गया.
  24. इसके कुछ समय बाद उन्होंने कांग्रेस और संसद सदस्यता दोनों छोड़ दिया
  25. 1988 में जनता दल के संस्थापक सदस्य बने.
  26. 2 दिसंबर 1989 को भारत के आठवें प्रधानमंत्री बने
  27. 10 नवंबर 1990 अल्पमत में होने के कारण पद छोड़ना पड़ा
  28. 27 नवंबर 2008 को 77 साल की आयु में उनका निधन हो गया.
  29. वीवी सिंह ब्लड कैंसर से पीड़ित थे.
    वीपी सिंह की पुण्यतिथि आज
Last Updated :Nov 26, 2023, 6:35 PM IST

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