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प.बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 : राजनीतिक पार्टियों की 'गिरफ्त' में फिल्मी सितारे

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Published : Mar 5, 2021, 5:55 AM IST

चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच फिल्मी सितारों को अपने-अपने पक्ष में करने की होड़ मची हुई है. कोई भी पार्टी पीछे नहीं रहना चाहती है. आम वोटर पर इसका कितना असर पड़ता है, इसके बारे में निश्चिंतता के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता है. इसके बावजूद चाहे वह तृणमूल हो या भाजपा, दोनों के बीच सितारों को गिरफ्त में लेने की होड़ मची हुई है.

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राजनीति में आए फिल्मी सितारे

हैदराबाद : अधिक से अधिक लोगों तक बहुत कम समय में अपना संदेश पहुंचाने के लिए राजनीतिक पार्टियां अक्सर फिल्मी सितारों का सहारा लेती हैं. और बात जब चुनाव की हो, तो यह सौ फीसदी सच होता है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में इन दिनों सितारों का कुछ ऐसा ही 'खेल' चल रहा है. हर दिन कोई न कोई फिल्मी स्टार किसी न किसी पार्टी में शामिल हो रहा है. ये अलग बात है कि इससे उन पार्टियों को कितना फायदा होगा, चुनाव परिणाम के बाद ही यह पता चल पाएगा. आइए एक नजर डालते हैं तृणमूल, भाजपा और वाम दलों में शामिल कुछ प्र्मुख सितारों पर.

प.बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में है. लिहाजा, पार्टी को इसका फायदा भी मिल रहा है. टेलीविजन और फिल्मों के कई सितारे टीएमसी में शामिल हुए हैं. इनमें सायंतिका बनर्जी, बिरबाहा हांसदा, सुदेशना रॉय, मनाली डे, सौरव दास, रानीता दास, श्रीतमा भट्टाचार्य के नाम प्रमुख हैं. कई अभिनेताओं ने नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती से प्रेरणा ली है. टीएमसी ने इन दोनों को 2019 लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था. दोनों ही सांसद हैं.

पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद इऩ कलाकारों से कहीं कुछ गलती न हो जाए और चुनाव के समय मीडिया कुछ पूछे तो उसका किस तरीके से जवाब देना है, इसके लिए टीएमसी ने एक कार्यशाला का आयोजन भी कराया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसमें प्रचार करने के तरीके और मतदाताओं के दिल जीतने के भी टिप्स दिए गए हैं. पार्टी के प्रमुख नेता डेरेक ओ ब्रायन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया था.

सूत्र बताते हैं कि सभी कलाकारों को व्यक्तिगत टिप्पणी करने से बचने को कहा गया है. उन्हें मुख्य रूप से तृणमूल सरकार के कामकाज का प्रचार करने को कहा गया है.

मनाली डे (टीएमसी)

2011 में जब टीएमसी लेफ्ट सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ रही थी, उस समय कई बड़ी फिल्मी हस्तियों ने टीएमसी का खुलकर समर्थन किया था. शाओली मित्रा, बिभास चक्रवर्ती, गौतम घोष, जॉय गोस्वामी और अपर्णा सेन ने ममता बनर्जी के पक्ष में आई थीं.

ऐसा नहीं है कि फिल्मी सितारे सिर्फ टीएमसी में ही जा रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी के खाते में भी कई सितारे आए हैं. चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, पार्टी की पूरी कोशिश है कि वे अधिक से अधिक सितारों को अपने पक्ष में कर सकें.

सायंतिका बनर्जी (टीएमसी)

वैसे, ये सितारे किस हद तक मतदाताओं को प्रभावित करेंगे, इसके बारे में कोई भी आशवस्त नहीं है. हां, इतना फायदा जरूर होता है कि भीड़ इकट्ठी हो जाती है. उसके बाद मीडिया में खबरें आती हैं. लोगों को शायद ऐसा लग सकता है कि अमुक पार्टी के पक्ष में समर्थन ज्यादा है. घर-घर इसकी चर्चा होती है. युवाओं में अभिनेताओं के प्रति क्रेज अधिक होता है.

यशदास गुप्ता (भाजपा)

भारतीय जनता पार्टी इसे बखूबी समझती है. यही वजह है कि पार्टी अब भी सौरभ गांगुली को पार्टी में लाने की पूरी कोशिश कर रही है.

वैसे, हाल ही में जो सितारे भाजपा में शामिल हुए हैं, उनमें यशदास गुप्ता प्रमुख हैं. वह प.बंगाल के सबसे अधिक लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक हैं. वह नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती के करीब भी हैं. नुसरत और मिमी टीएमसी में हैं.

श्राबंती चटर्जी

नुसरत जहां ने हालांकि साफ कर दिया है कि वह टीएमसी का दामन नहीं छोड़ेंगी. मिमी को लेकर अटकलें तेज हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि दक्षिण 24 परगना की एक रैली में वह नहीं आई थीं. रैली को ममता बनर्जी से संबोधित किया था. वह इसी इलाके से आती हैं.

पायल सरकार (भाजपा)

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हीरन चटर्जी, सौमिली बिस्वास, पापिया अधिकारी, पायल सरकार और श्राबंती चटर्जी जैसे कलाकारों ने भाजपा का दामन थामा है.

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कुछ ही दिन पहले मिथुन चक्रवर्ती से मिले थे. इस पर अटकलें लगाई जा रहीं हैं. वैसे, चक्रवर्ती ने इसे आध्यात्मिक बैठक बताया था.

2015 में अमित शाह जब प. बंगाल अभियान पर थे, उन्होंने कई बड़ी हस्तियों से मुलाकात की थी. उन्होंने वाम सोच रखने वाले सौमित्र चटर्जी और मनोज मित्रा से संपर्क भी किया था, लेकिन ये लोग शाह के कार्यक्रम में जाने को तैयार नहीं हुए थे.

बात जब वामपंथ हो रही है, तो लेफ्ट में भी कई सितारे हैं. हालांकि, टीएमसी और भाजपा के मुकाबले यहां पर उनकी संख्या उतनी अधिक नहीं है. अनूप कुमार, अनिल चटर्जी, दिलीप रॉय, माधबी मुखर्जी ऐसे चेहरे हैं, जो लेफ्ट के पारंपरिक समर्थक माने जाते हैं. आपको बता दें कि ये सभी कलाकार ग्लैमर के लिए कम, और बौद्धिक सोच रखने के लिए अधिक जाने जाते हैं.

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