गोंडा :'नाम फूला देवी, उम्र 52 साल. वह घर में और रोड पर जलती लाइटों को देखकर काफी खुश हैं. लगातार रोशनी की ओर देखने पर उनकी आंखों से आंसू निकल रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वह उसे एकटक निहारे जा रहीं हैं. पूछने पर कहने लगीं कि पहली बार गांव में बिजली आई है, यकीन ही नहीं हो रहा है. अब तक हम उजालों से दूर थे, आज हमारे जीवन का अंधेरा दूर हो गया'.ये नजारा जिले के हरदवा ग्राम पंचायत के रामगढ़ वनटांगिया गांव में देखने को मिला. आजादी के बाद ये गांव रोशन हुआ तो हर किसी को मुस्कुराने का बहाना मिल गया. छोटे से लेकर बड़े तक ने इस खास पल का जश्न मनाया.
2018 में गांव को मिला था राजस्व ग्राम का दर्जा :आजादी के करीब 75 वर्ष बाद भी रामगढ़ वनटागिया गांव में लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं थीं. इस गांव की आबादी 200 के लगभग है. यहां बिजली भी नहीं पहुंची थी. इसकी वजह से यहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही थी. बिजली न होने के कारण इस गांव में लोग आने-जाने से भी कतराते थे. खंड विकास अधिकारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में मई 2018 में वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया. इसके बाद इन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश शुरू हुई. गांव को राजस्व गांव का दर्जा मिल गया. वन क्षेत्रों में बसे इन गांव के लोगों को सड़क, राशन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने की कोशिशें शुरू हुईं. गांवों में रहने वाले लोग लकड़ी काटकर उसे बेचकर परिवार का पेट पालते हैं.
सड़क का चल रहा निर्माण :डीएम नेहा शर्मा ने 16 जून को रामगढ़ वनटांगिया गांव का निरीक्षण किया था. वनटांगिया समुदाय के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए गांवों में दो सरकारी स्कूल स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क बनाने की पहल की गई. गांव में मंगलवार को बिजली की लाइन खींचने के साथ ट्रांसफार्मर भी लगा दिए गए. इसके बाद कुछ मजरे में बिजली आपूर्ति भी शुरू करा दी गई. इसके बाद गांव के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक खुशी से झूम उठे. गांव के 40 वर्षीय संतराम ने बताया कि गांव में अंधेरा रहता था. शाम के समय आना-जाना संभव ही नहीं था. अंधेरे में पशुओं के हमले का भी डर रहता था, कभी सोचा भी नहीं था कि इस तरह का बदलाव देखने को मिलेगा.