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राजस्थानः सालों पुरानी दो पहिया व्हीकल को नहीं समझें कबाड़, बदलें Electric Vehicle में...इतना आएगा खर्च

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Published : Jun 27, 2022, 9:19 PM IST

सालों पुरानी दो पहिया व्हीकल भी आपके काम की चीज है, इसे कबाड़ नहीं समझें. ऐसी दो पहिया गाड़ियों को (Electric Kit can be Installed in Old Two Wheelers) इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में बदल कर आप बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों से निजात पा सकते हैं. क्या है तरीका और कितना आएगा खर्च, यहां जानिए...

Electric Vehicles in India, Electric Vehicles Cost
सालों पुरानी दो पहिया व्हीकल को नहीं समझें कबाड़.

जयपुर. अगर आपके पास पहले से कोई पुराना दो-पहिया वाहन है और आप इस पर होने वाले खर्च से परेशान हैं, जिसके चलते आप नया वाहन खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो जरा रुकिए. यह खबर आपके लिए है. आप अपने पुराने दो पहिया व्हीकल को इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicles Cost) बना सकते हैं. जी हां जयपुर की 65 साल की मधु किरोड़ी ने बढ़ते पेट्रोल के दामों को देखते हुए पुराने टू-व्हीलर में इलेक्ट्रिक किट लगा कर कम खर्चीला वाहन बना दिया है. देखिए राजस्थान के पहले सर्टिफाइड इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर खास रिपोर्ट...

पेट्रोल का विकल्प इलेक्ट्रिक किट : मधु किरोड़ी कहती हे कि लगातार बढ़ती महंगाई से देश का हर एक नागरिक बदहाल है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से हर किसी का आर्थिक जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. आज के दौर में पेट्रोल और डीजल दोनों ही व्यक्ति की रोजमर्रा की आवश्यकताओं में से एक बन चुके हैं. इनके बढ़ते दामों का प्रभाव मध्यम वर्ग के परिवारों पर अधिक पड़ता है. लोग परेशान हैं कि करें तो क्या करें. अब आम आदमी इसका वैकल्पिक रास्ता ढूंढने में लगा है. इसका एक विकल्प तो इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में हम सबके जहन में है, जिससे प्रदूषण के साथ-साथ खर्च भी कम होगा. इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए (Recognition Has Been Received from RTO) नॉर्थ इलेक्ट्रिकल ऑटोमोबाइल ने राजस्थान में एक नई पहल की है. जिससे पुरानी बाइक में GoGoA1 किट का उपयोग कर राजस्थान की पहली रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाया है, जिसको RTO से मान्यता मिल गई है.

सालों पुरानी दो पहिया व्हीकल को नहीं समझें कबाड़.

फुल चार्जिंग पर 151 किलोमीटर तक की दूरी तय : मधु किरोड़ी के साथ टेक्निकल टीम में शामिल महावीर बताते हैं कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के आगे इल्केट्रिक वहां काफी खिफायती हैं. हालांकि, जिनके पास पहले से दोपहिया वाहन हैं उनके मन में यह ख्याल जरूर आता है कि उनको भी अब इलेक्ट्रिक व्हीकल लेना चाहिए. लेकिन इसके लिए आप अपनी बाइक को जिसे हम कबाड़ समझने लगे हैं, उसे ही इलेक्ट्रिक बाइक में बदलवा सकते हैं. इसके लिए आपको अपनी बाइक में Electric Kit Retrofit लगवानी पड़ेगी. दावा है कि बाइक को इलेक्टिक में कन्वर्ट करने के बाद आपकी बाइक एक बार फुल चार्जिंग पर 120 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है और आपको बढ़ती कीमतों से छुटकारा भी मिलेगा. पुराने टू-व्हीलर में इलेक्ट्रिक किट लगाने का खर्च लगभग 50 हजार का आता है. इसमें 37 हजार के करीब इलेक्ट्रिक मोटर और 13-15 हजार के करीब बैटरी का खर्चा.

मात्र 28 पैसे प्रति किलोमीटर खर्च : आकाश किरोड़ी कहते हैं कि माजूदा वक्त में पेट्रोल की टू-व्हीलर लगभग 3.35 रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च आता है. इसके अलावा हर दो हजार किलोमीटर पर बाइक की सर्विस और ऑयल का खर्च अलग. अगर आप अपनी टू-व्हीलर में इलेक्ट्रिक किट लगते हैं तो तीन घंटे में यह बैटरी फुल चार्ज हो जाती है, जिसमें 3 यूनिट बिजली खर्च होती है. एक बार फूल जार्च होने पर लगभग 120 किलोमीटर तक चलती है. आकाश कहते हैं कि इसका हम एवरेज निकलते हैं तो 28 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च आता है. इसके साथ ही जो नई इलेक्ट्रिक बाइक अलग-अलग कंपनियों की तरफ से निकाली जा रही हैं, उसमें सबसे बड़ी समस्या मजबूती की आ रही है.

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इसके साथ प्लास्टिक होने की वजह से आग लगने की शिकायतें भी सबके सामने है. इन सबको देखते हुए यह प्लान किया गया कि क्यों न पुरानी बाइक को ही कन्वर्ट किया जाए. इसको लेकर कानूनी बिंदुओं को देखा गया. हमें पहले दौर में होंडा स्प्लेंडर और स्प्लेंडर प्लस को ARAI यानी ऑटोमोटिव्ह रिसर्च असोसिएशन ऑफ इंडिया से अनुमति मिली. हमने नियमों के तहत सिर्फ इंजन को हटा कर उसकी जगह बैटरी और बैक टायर विल में इलेक्ट्रिक किट लगाया है. इसके अलावा बाइक में और कोई भी छेद कहीं नहीं की गई. इस बाइक को राजस्थान परिवहन विभाग से मान्यता भी मिल गई है. आकाश का दावा है कि यह राजस्थान की पहली बाइक है, जिसे आरटीओ ने परीक्षण के बाद मान्यता दी है.

1997 के बाद की टू-व्हीलर में लग सकता है इलेक्ट्रिक किट : आकाश कहते हैं कि अभी तक हमें सिर्फ अब 1997 के बाद की पुरानी Splender/Splender + बाइक को नॉर्थ इलेक्ट्रिकल ऑटोमोबाइल्स से इलेक्ट्रिकल वाहन में बदलवा करने की अनुमति मिली है. इसके अलावा अन्य बाइक के लिए भी हमने परिवहन विभाग में अनुमति के लिए आवेदन किया है. खास बात यह है कि जिस भी पुरानी बाइक को
इलेक्ट्रिक किट लगाना हो वो 1997 के बाद का मॉडल होना जरूरी है. यह नियम ऑटोमोटिव्ह रिसर्च असोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) की तरफ से जारी किया हुआ है.

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