नई दिल्ली: प्रवासी कामगारों के लिए रिमोट वोटिंग मशीन शुरू करने के प्रस्ताव का विरोध करने के विभिन्न विपक्षी दलों के फैसले के बीच, निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस विषय पर विभिन्न दलों के साथ चर्चा शुरू की. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की टिप्पणियों के बाद, आयोग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) का प्रदर्शन करेगा.
रिमोट वोटिंग मशीन के यहां प्रदर्शन के लिए निर्वाचन आयोग ने आठ राष्ट्रीय दलों को और राज्यों के मान्यता प्राप्त 57 दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है. निर्वाचन आयोग ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा विकसित आरवीएम किसी भी तरह से इंटरनेट से जुड़ी नहीं होगी. पिछले महीने निर्वाचन आयोग ने कहा था कि अगर यह पहल लागू की जाती है, तो प्रवासियों के लिए इससे 'सामाजिक परिवर्तन' हो सकता है.
प्रत्येक मशीन के जरिये 72 निर्वाचन क्षेत्रों में रह रहे प्रवासी मतदाता दूरस्थ मतदान केंद्र से अपना वोट डाल सकते हैं. आरवीएम के उपयोग की अनुमति देने के लिए कानून में आवश्यक बदलाव जैसे मुद्दों पर जनवरी के अंत तक राजनीतिक दलों को अपने विचार लिखित रूप में देने के लिए कहा गया था. अधिकतर विपक्षी दलों ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) पर चुनाव आयोग के प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा था कि यह 'ठोस प्रस्ताव' नहीं है बल्कि एक 'ढांचा' है.
उन्होंने यह टिप्पणी कांग्रेस द्वारा आयोजित विपक्षी दलों की एक बैठक के बाद की. इस बैठक में जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), नेशनल कांफ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) विदुथलाई चिरुथईगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेताओं के साथ साथ राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने भी हिस्सा लिया.
अधिकतर विपक्षी दल रिमोट वोटिंग मशीन पर निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव के विरोध में : दिग्विजय सिंह
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अधिकतर विपक्षी दलों ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) पर निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है क्योंकि यह अधूरा है और पूर्ण नहीं है. उन्होंने विपक्षी दलों की एक बैठक के बाद यह टिप्पणी की, जिसमें कांग्रेस, जनता दल (यूनाइटेड), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा सहित अन्य दलों के नेताओं ने भाग लिया.
सिंह ने कहा कि रिमोट वोटिंग मशीन के प्रस्ताव में भारी राजनीतिक विसंगतियां हैं, जिनमें प्रवासी मजदूरों की परिभाषा जैसी चीजें स्पष्ट नहीं हैं. यह बैठक निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) प्रोटोटाइप दिखाने के एक दिन पहले हुई है. आयोग ने आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों और 57 मान्यता प्राप्त राज्यस्तरीय दलों को सोमवार सुबह प्रोटोटाइप के एक प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया है.
रिमोट वोटिंग मशीन’ के प्रस्ताव पर शरद पवार ने कहा, विपक्ष को सामूहिक निर्णय लेना चाहिए
इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि विपक्ष को 'रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन' (आरवीएम) के संबंध में निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव पर सामूहिक रूप से निर्णय लेना चाहिए. पवार ने यह भी कहा कि आयोग की ओर से सोमवार को होने वाली ब्रीफिंग के बाद (प्रणाली में) अगर कोई कमी मिलती है तो उस पर भी विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में आरवीएम मुद्दे पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी.
पढ़ें:Remote EVM: रिमोट ईवीएम का प्रदर्शन करने से एक दिन पहले ही 16 विपक्षी दलों ने किया प्रस्ताव खारिज
पवार ने पत्रकारों से कहा, मुझे भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन पार्टी नेता जितेंद्र आव्हाड राकांपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्हें (विपक्ष को) सामूहिक निर्णय लेना चाहिए और (निर्वाचन) आयुक्त द्वारा कल की ब्रीफिंग के बाद अगर कोई कमी मिलती है, तो उस पर भी विचार किया जाना चाहिए. आरवीएम प्रस्ताव का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रणाली है और अगर देश के लोगों में इसे लेकर कोई संदेह पैदा होता है तो यह उचित नहीं होगा.
पीटीआई-भाषा