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Bihar News: दो देशों के नियमों में फंसी उज्बेकिस्तान की 3 लड़कियां, रिहाई की गुहार लगाने बिहार पहुंची बहन

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Published : Jun 11, 2023, 5:06 PM IST

Updated : Jun 11, 2023, 7:00 PM IST

बिहार के वैशाली के इंस्टीच्यूट ऑफ करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन में उज्बेकिस्तान की तीन बहनें बंद हैं. उनकी रिहाई के लिए अब उज्बेकिस्तान से बड़ी बहन बिहार पहुंच चुकी है और तीन बहनों की रिहाई के लिए गुहार लगा रही है. बिहार पहुंची उज्बेकिस्तानी लड़की को अपनी बहनों को छुड़ाने के लिए दर-दर की ठोकर खानी पड़ रही है. पढ़ें पूरी खबर..

Uzbekistan girl reached Patna
Uzbekistan girl reached Patna

उज्बेकिस्तान से बहनों की रिहाई के लिए आई बड़ी बहन पटना, लगाई सरकार से गुहार

पटना:बिहार के वैशाली स्थित बिहार इंस्टीच्यूट ऑफ करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन में उज्बेकिस्तान की तीन बहनें फंसी हुई है और इन्हें छुड़ाने के लिए उनकी बड़ी बहन 3000 किलोमीटर की दूरी तय करके उज्बेकिस्तान से अब बिहार पहुंचकर मीडिया से गुहार लगा रही हैं. यह तीनों बहने 2 देशों के नियमों के बीच फंस गई हैं. पिछले एक साल से उनकी बड़ी बहन उन्हें छुड़ाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही हैं. बड़ी बहन कहना है कि वह सिस्टम के आगे बेबस हो गई है. उनकी मां भी अपनी बेटियों को लेकर बहुत चिंतित हैं.

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फेसबुक पर दोस्ती के चक्कर में पहुंच गई थी भारत: दरअसल, उज्बेकिस्तान की तीन बहनों को फेसबुक पर एक युवक से दोस्ती हुई और वह नेपाल के रास्ते बिना वीजा भारत पहुंच गई. युवक की प्लानिंग तीनों को जिस्मफरोशी में ढकेलने की थी. लेकिन 27 अक्टूबर 2021 को अररिया में एसएसबी ने तीनों को पकड़ लिया. मामला अररिया कोर्ट में पहुंचा तो न्यायालय ने तीनों बहनों को निर्दोष बताया और उज्बेकिस्तान भेजने का निर्देश दिया. पिछले 10 महीने से तीनों बहने 2 देशों की कानूनों के बीच फंसकर 10 महीने से बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन में सजा काट रही हैं.

एक साल से करेक्शनल एडमिस्ट्रेशन में है बंद: अपनी बहनों को वापस लाने पहुंची बड़ी बहन ने बताया कि "वह अपनी तीन बहनों को ढूंढते-ढूंढते हिंदुस्तान पहुंची और डेढ़ साल से उन्हें ढूंढने की कोशिश में है. जब पता चला कि उनकी तीनों छोटी बहने निर्दोष हैं. तीनों करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन में है और कोर्ट ने उज्बेकिस्तान जाने की अनुमति दे दी है, तो खुशी मिली लेकिन यह खुशी कई महीनों से निराशा में बदल गई है. बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन हाजीपुर के लोग उन्हें उनकी तीनों बहनों से बातचीत करने नहीं देते हैं".

तीनों युवती को नहीं मिल रहा मानवीय सुविधाएं: बड़ी बहन ने कहा कि"जब वह वहां उनसे मिलने जाती हैं तो उन्हें मिलने भी नहीं दिया जाता है. एक बार बहुत मिन्नतें करने पर उनकी बहनों से मिलवाया गया. इसके बाद उन्होंने अपनी बहनों के हाथ पर कई जख्म देखें और उनकी बहनों ने बताया कि उन्हें कोई मानवीय सुविधा नहीं दी जाती है और वह आत्महत्या करना चाहती हैं". वह अपनी बहनों की हर हाल में रिहाई चाहती हैं और वह सरकार से गुहार लगा रही है कि उनकी बहनों को सरकार उनके साथ वापस उज्बेकिस्तान भेजने का प्रबंध करें.

Last Updated :Jun 11, 2023, 7:00 PM IST

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