दिल्ली

delhi

चारों ओर बाढ़ का पानी, छप्पर पर बैठकर पढ़ाई कर रहा नीतीश

By

Published : Aug 14, 2021, 7:25 PM IST

भागलपुर में बाढ़ (Bhagalpur Flood) के कारण कई गांव टापू बन चुके हैं. लोगों को तो समस्याएं हो ही रही हैं, छात्रों की भी पढ़ाई बाधित हो गई है. लेकिन छात्रों में पढ़ाई करने का जुनून ऐसा है कि बाढ़ के बीच अपने घर के छप्पर पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसी ही एक तस्वीर सबौर प्रखंड के बगडेर बगीचे से सामने आई है. पढ़ें पूरी खबर..

bhagalpur
bhagalpur

भागलपुर :बाढ़ की वजह से बिहार (Bihar Flood) के भागलपुर (Bhagalpur Flood) के 16 प्रखंड में से लगभग 10 प्रखंड जलमग्न हो गए हैं. यहां के कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. बाढ़ के बीचों बीच छात्र अपनी पढ़ाई करने को भी मजबूर हैं. छप्पर पर बैठ छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं, ताकि इनका भविष्य उज्जवल हो सके.

सबौर प्रखंड के बगडेर बगीचे के रहने वाले नीतीश का पूरा गांव जलमग्न हो चुका है. लेकिन नीतीश ने बाढ़ के कारण अपनी पढ़ाई रुकने नहीं दी. गांव के साथ ही पूरा परिवार ऊंचे स्थान पर शरण लिए है. वहीं सामानों की रखवाली के साथ ही नीतीश बाढ़ के बीच छप्पर पर बैठकर आईटीआई की तैयारी कर रहा है. नीतीश के पढ़ाई करने के जज्बे की आज हर कोई सराहना कर रहा है.

छप्पर पर बैठकर पढ़ाई कर रहा नीतीश

बात दें कि पिछले 20 दिनों से गांव टापू बना हुआ है. घरों में 10 फीट तक पानी भरा है. नीतीश ने दसवीं की परीक्षा सबौर हाई स्कूल से 366 अंक लाकर फर्स्ट डिवीजन से पास किया और स्कूल में उसे पांचवां स्थान मिला था.

बचपन से ही देखते आ रहे हैं कि गांव हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलता है. बाढ़ के समय मेरा पूरा परिवार ऊंचे स्थान पर चला जाता है. मैं घर और सामानों की देखभाल करता हूं. मार्च में मेरी परीक्षा होनी है लेकिन ऐसे हालातों में पढ़ाई कर पाना आसान नहीं है. पता नहीं इस बार मुझे अच्छे अंक आएंगे या नहीं.-नीतीश कुमार, बाढ़ में फंसा छात्र

बाढ़ के कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है. एक तो कोरोना की वजह से पढ़ाई बाधित हुई. अब जब स्कूल और कॉलेज खुल गए तो बाढ़ के कारण भागलपुर में स्कूलों को बंद करना पड़ा है. बाढ़ के कारण सबौर सुल्तानगंज, नाथनगर, पीरपैंती, कहलगांव, बिहपुर, गोपालपुर खरीद प्रखंड में करीब 50 से 60 की संख्या में स्कूलों में पानी भर गया है.

सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल बाढ़ से प्रभावित हैं. ऐसे में यहां पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा पूरी तरह से प्रभावित हुई है. बता दें कि सबौर प्रखंड में 1 दर्जन से अधिक प्राथमिक माध्यमिक और उच्च स्तरीय स्कूल हैं, जो बाढ़ के कारण बंद हैं. इसके अलावा इसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूल शामिल है. बाढ़ के कारण कई स्कूलों में राहत शिविर बना दिया गया है. अब छात्र प्रशासन से इस ओर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो.

पढ़ेंःबिहार: हर साल बहा ले जाती है बाढ़... बचाने के लिए ये है सरकार का मास्टर प्लान

बता दें कि बिहार में हर साल बढ़ और कटाव से भारी तबाही होती है. जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं. कई लोगों के घर बाढ़ में बह जाते हैं. कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ता है. अब स्थिति यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाके भले ही कम हो, लेकिन तबाही सबसे ज्यादा है. मानसून में अधिक बारिश के अलावा नेपाल से आने वाला पानी बाढ़ का एक बड़ा कारण है. इसकी वजह से कोसी, कमला, बागमती, गंडक, महानंदा और गंगा मानसून के समय बेहद खतरनाक रूप ले लेती हैं.

हाइलाइट्स

  • भागलपुर के 10 प्रखंड जलमग्न
  • कई गांव बने टापू
  • करीब 50 से 60 स्कूलों में भरा पानी
  • सबौर प्रखंड में 1 दर्जन से अधिक स्कूल जलमग्न
  • छात्रों की पढ़ाई बाधित

पढ़ें :यूपी में बाढ़ से त्राहिमाम, गंगा में बहते एक मंजिला मकान का वीडियो आपने देखा क्या

ABOUT THE AUTHOR

...view details