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संघर्ष के दिनों में जब नीतीश कुमार पीते थे उधार की चाय.. पर्ची लिखकर मंगाते थे Special Tea

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 13, 2023, 9:32 PM IST

Updated : Oct 13, 2023, 9:56 PM IST

नीतीश कुमार जब विधायक के रूप में संघर्ष कर रहे थे तब नंदलाल चायवाले को पर्ची भेजकर उधारी में चाय मंगवाते थे. उस वक्त नीतीश कुमार उन्हें हफ्ते, महीने में पेमेंट किया करते थे. संघर्ष के दिनों में नंदलाल ने संभाल लिया लेकिन अब नंदलाल के बेटे संजय की हालत खराब हो गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि नंदलाल की विधायक आवास के पास चाय की दुकान हुआ करती थी, जब नया विधायक आवास बना तो वहां से उन्हें हटा दिया गया. नीतीश के आश्वासन के बावजूद आज वो अपने दुकान के लिए चक्कर काट रहे हैं.

नीतीश कुमार और नंदलाल चाय वाला
नीतीश कुमार और चाय वाला

नीतीश कुमार और नंदलाल चाय वाला

पटना: नीतीश कुमार भी उधार की चाय पीते थे. जी हां हम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही बात कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब राजनीतिक जीवन की शुरुआत में थे और संघर्ष का दौर चल रहा था उस समय विधायक आवास से सटे नंदलाल जी की दुकान पर पर्ची भेज कर उधार की चाय मंगवाते थे और बाद में हिसाब होता था.

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पर्ची लिखकर नीतीश मंगवाते थे उधार की चाय : हालांकि नीतीश कुमार हिसाब के पक्के थे और समय पर चाय का पैसा दे दिया करते थे. नंदलाल जी की चाय की दुकान आज भी वीरचंद पटेल पथ पर विधायक आवास के पास ही है. कभी इस चाय दुकान पर समाजवादी नेताओं का जुटान हुआ करता था. चाय दुकानदार नंदलाल जी तो नहीं रहे, लेकिन उनके बेटे संजय कुमार उन पुर्जों को आज भी संभाल कर रखे हुए हैं, जिसमें नीतीश कुमार स्पेशल चाय की डिमांड करते थे.

इसी पर्ची से नीतीश मंगवाते थे उधार की स्पेशल चाय

संघर्ष के दिनों की 'पर्ची' निशानी: नीतीश कुमार नीचे अपना हस्ताक्षर भी करते थे. संजय इसे लेमिनेट कर कर रखे हुए हैं. संजय कुमार ने बताया कि उनकी चाय की दुकान 60 वर्ष से भी अधिक पुरानी है. उनकी दुकान पर समाजवादी राजनीति की शुरुआत में समाजवादी नेताओं का जुटान हुआ करता था. यह वाकया तब का है जब नीतीश कुमार नए-नए विधायक बने थे और विधायक आवास संख्या 84 उन्हें अलॉट हुआ था. आवास संख्या 83 में जगदानंद सिंह रहते थे.


समाजवादियों का जुटान और नंदलाल चायवाला : संजय कुमार ने बताया कि उन दोनों समाजवादी नेताओं के आवास पर लोगों का काफी जुटान होता था. नेता लोगों को चाय भी खूब पिलाते थे. स्थिति ऐसा हो गया कि चाय इतना अधिक हो जाता था कि बिल बहुत अधिक हो जाता. इसके बाद नीतीश कुमार ने उनके पिता नंदलाल जी को बुलाया और कहा कि हम आपको पर्ची लिखकर दिया करेंगे और उसे आप संभाल कर रखिएगा. उतने चाय का हिसाब समय-समय पर करते रहेंगे.

नंदलाल चायवाले के बेटे संजय कुमार

इसलिए संभालकर रखी पर्ची: संजय कुमार ने बताया कि वह उन दिनों मिलर हाई स्कूल में पढ़ते थे. अपने दोस्तों को यह बताने के लिए की उनके दुकान पर मंत्री विधायक चाय पीते हैं. खाना खाते हैं. इसके लिए नीतीश कुमार की एक पर्ची को उन्होंने लेमिनेट कर लिया. नीतीश कुमार को जब भी चाय का ऑर्डर करना होता, लिखकर दिनांक के साथ हस्ताक्षर करके भिजवा देते.

34 साल पुरानी पर्ची कह रही कहानी : पर्ची 30 जुलाई 1989 की है जिसमें 7 कप स्पेशल चाय की डिमांड की गई थी. उस दौर में नीतीश कुमार और ढेरों समाजवादी नेता उनकी दुकान पर आकर खाना भी खाते थे. वशिष्ठ नारायण सिंह, राम बहादुर सिंह, मुंशी राय जैसे ढेरोंं विधायक थे उस समय के जो उनकी दुकान पर आकर चाय पीते थे, खाना खाते थे.


'खबर देखकर नीतीश ने बुलाया': संजय कुमार ने बताया कि पहले विधायक आवास के अंदर उनकी दुकान चलती थी. लेकिन, जब नए तरीके से विधायक आवास बनाया गया तो उनकी दुकान को उजाड़ दिया गया. 5 साल पहले एक प्रिंट मीडिया में खबर छपी थी उसके बाद नीतीश कुमार ने उन्हें बुलाया था. उसे समय उन्होंने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी चंचल कुमार को कहा था कि इनके दुकान के लिए पक्का बंदोबस्त कर दीजिए.

5 साल से ठेलमठेल : IAS चंचल कुमार ने उन्हें इसके लिए तत्कालीन नगर आयुक्त अभिषेक कुमार के पास भेज दिया. अभिषेक जी ने कहा कुछ दिनों रुक जाइए सब व्यवस्था कर देते हैं और इसके बाद डीएम बन कर गया चले गए. संजय कुमार ने बताया कि इसके बाद नगर निगम के काफी चक्कर लगाए, कई आयुक्त आए और चले गए, लेकिन उनका हुआ कुछ नहीं. इसके बाद वह भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी से मिले और अशोक चौधरी उनको पटना कमिश्नर कुमार रवि के पास भेज दिए.

नंदलाल चायवाले के बेटे संजय कुमार

'न दुकान मिली न छत' : वह कमिश्नर साहब के पास गए. उन्होंने बताया कि उनके पास वेंडर कार्ड भी है और विधायक आवास के अंदर की दुकान उजड़ जाने के बाद फुटपाथ पर तिरपाल गिराकर दुकान चलाना पड़ता है. दुकान को और बेहतर बना भी नहीं सकते क्योंकि बार-बार अतिक्रमण हटाने वाली टीम आती है और दुकान पर बुलडोजर चला कर चली जाती है. इस पर कुमार रवि ने कहा कि अतिक्रमण हटाने वाली टीम आएगी तो वह यही करेगी और वह देखते हैं कि उनके लिए क्या कुछ बन पाता है.


5 साल से दुकान का इंतजार: संजय कुमार ने कहा कि 5 साल हो गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकारियों को निर्देश दिए हुए कि उनके लिए कोई स्थाई प्रबंध कर दिया जाए. लेकिन उनका अब तक कुछ नहीं हुआ है. वह दौड़-भाग कर थक चुके हैं. अभी भी लोग कहते हैं कि वह नीतीश कुमार से मिलवा देंगे तो वह इसका इंतजार कर रहे हैं.

नंदलाल चायवाले के बेटे संजय कुमार की उजड़ चुकी दुकान

'जब मिले तो पर्ची देख खूब हंसे नीतीश': नंदलाल के बेटे संजय कुमार बताते हैं कि जब वह नीतीश कुमार से मिले थे तो नीतीश कुमार पहले खूब हंसे थे. तब उन्होंने कहा था कि तुम अब तक इस कागज को संभाल कर रखे हुए हो. उन्होंने इसके लिए शाबाशी भी दी थी. उनके बताने पर की विधायक आवास से उनका दुकान हटाया जा रहा है, इस पर नीतीश कुमार ने आश्वस्त किया था कि उनके लिए स्थाई दुकान की व्यवस्था उपलब्ध करा दी जाएगी.

Last Updated :Oct 13, 2023, 9:56 PM IST

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