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पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा, 43000 पूजा समितियों को 60 हजार रुपये अनुदान देगी ममता सरकार

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Published : Aug 23, 2022, 8:41 AM IST

Updated : Aug 23, 2022, 12:49 PM IST

एक सितंबर (पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा) को यूनेस्को के स्वागत के लिए सड़कों पर दुर्गा पूजा का जुलूस निकाला जाएगा. इस जुलूस में शामिल होने के लिए करीब 10 हजार छात्रों को आमंत्रित किया गया है रैली दोपहर 2 बजे जोरासांको से शुरू होगी.

पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा, 43000 पूजा समितियों को 60 हजार रुपये अनुदान देगी ममता सराकर
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा, 43000 पूजा समितियों को 60 हजार रुपये अनुदान देगी ममता सराकर

कोलकाता: एक सितंबर (पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा) को यूनेस्को के स्वागत के लिए सड़कों पर दुर्गा पूजा का जुलूस निकाला जाएगा. इस जुलूस में शामिल होने के लिए करीब 10 हजार छात्रों को आमंत्रित किया गया है रैली दोपहर 2 बजे जोरासांको से शुरू होगी. जुलूस के बाद धर्मतला समारोह में यूनेस्को के प्रतिनिधि और विभिन्न देशों के राजदूत मौजूद रहेंगे. इस जुलूस में सर्वधर्म के लोग शामिल होंगे और कोलकाता के दुर्गा पूजा को हेरिटेज घोषित करने के लिए यूनेस्को को धन्यवाद दिया जाएगा. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रति क्लब अनुदान 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये (ममता बनर्जी) कर दिया गया है.

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कुल 43 हजार पूजा समितियों को दिया जाएगा यह अनुदान जिला पूजा समितियों को भी सीईएससी (कलकत्ता विद्युत आपूर्ति निगम) और राज्य बिजली बोर्ड से पूजा समितियों को बिजली बिलों पर 60 प्रतिशत छूट देने की बात कही गई है. पहले यह 50 फीसदी थी. इसके साथ ही राज्य सरकार दमकल और विज्ञापन के बाबत पैसा नहीं लेती है. सीएम ममता बनर्जी ने एक सितंबर को यूनेस्को को धन्यवाद देते हुए जुलूस निकालने का भी ऐलान किया है. इस साल राज्य सरकार के कर्मचारियों को पूजा के मौसम में कुल 11 दिनों की छुट्टी मिलेगी.

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मुख्यमंत्री ने 30 सितंबर से 10 अक्टूबर तक पूजा अवकाश की घोषणा की है. संयोग से, यूनेस्को ने पिछले साल पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा (बंगाल पर्यटन) को मान्यता दी थी. इसी तरह, ममता बनर्जी दुर्गा पूजा से पहले एक मेगा जुलूस निकाल रही हैं. जिसमें दुर्गा पूजा के विभिन्न रंग होंगे. उत्तर से दक्षिण तक विभिन्न क्लबों की उपस्थिति इसमें दिखेगी.

यूनेस्को के स्वागत के लिए सड़कों पर जुलूस:मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बार-बार कह चुकी हैं कि दुर्गा पूजा केवल बंगालियों का सबसे बड़ा त्योहार नहीं है. इसका एक व्यावसायिक पक्ष भी है. दुर्गा पूजा के आसपास पूरे राज्य में करोड़ों रुपये का कारोबार होता है. कई लोगों के लिए, दुर्गा पूजा साल भर आय का मुख्य स्रोत है.

Last Updated : Aug 23, 2022, 12:49 PM IST

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