रायपुर: होरीलाल यादव दिव्यांग (Divyang Horilal Yadav) होने के बाद भी एक बेहतर शिक्षक हैं. chhattisgarh Motivational story यही वजह है कि उनके पढ़ाए 90 से अधिक स्टूडेंट्स का सहायक प्राध्यापक में चयन हो चुका है. बहुत से स्टूडेंट्स प्रशासनिक सेवा में पदस्थ हैं, जबकि 200 से अधिक प्रतिभागी नेट क्वालीफाई कर चुके हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. Raipur latest news
सवाल: दिव्यांगों को निशुल्क शिक्षा देने की आपने सोची, आपके मन में यह ख्याल कैसे आया?
जवाब: मैं शुरुआत से ही आर्थिक परेशानियों से जूझता रहा. मैंने इंजीनियरिंग और एमबीए किया है. (Horilal Yadav helping Divyang) मुझे पता है जितने भी दिव्यांग होते हैं, जो अच्छी फैमिली से नहीं होते, उनके पास कहीं ना कहीं एक प्रॉब्लम होती है. (helping Divyang for preparing competitive exam) जिसकी वजह से वे कोई बेहतर डिसीजन ले नहीं पाते हैं और छोटे छोटे काम करते रहते हैं. इसलिए मैंने सोचा कि जिस मुकाम तक मैं पहुंचा हूं, उस मुकाम पर सभी पहुंचे और इनके लिए मुझसे जितना बन सकेगा. उसे पूरा करने का प्रयास करूंगा. यही वजह है कि मैं इन लोगों को निशुल्क कोचिंग क्लास अवेलेबल करा रहा हूं, जो ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों हैं. chhattisgarh unique story
सवाल: इसकी शुरुआत आपने कब से की है?
जवाब: जब से मैंने कोचिंग स्टार्ट किया है, तब से मेरे मन में था, लेकिन लोगों को जानकारी नहीं थी. मेरी नजर में जो भी आते थे, उनको मैं कह देता था आप आ जाइए, फीस की चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें अपने लेवल पर एजुकेशन प्रोवाइड करा रहा था. अभी 2 लोग असिस्टेंट प्रोफेसर बन चुके हैं."
सवाल: आपके पढ़ाए कितने स्टूडेंट्स को नौकरियां लगी है?
जवाब: सहायक प्राध्यापक का एग्जाम हुआ था, उसमें 93 स्टूडेंट्स सफल रहे और अन्य प्रशासनिक अधिकारी बन चुके हैं. जिसमें असिस्टेंट डायरेक्टर और सीएसपीडीसीएल में जा चुके हैं. साथ ही लेक्चरर जैसे पदों में भी चयन हुआ है. इसके अलावा 200 से अधिक हमारे यहां नेट क्वालीफाई कर चुके हैं.
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