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Rajasthan : मेवाड़ के अराध्य देव सांवरिया सेठ को भक्तों ने चढ़ाया चांदी का स्कूटर, 56 भोग भी लगाया

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Published : Jul 11, 2023, 3:13 PM IST

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित सांवरिया सेठ को तीन भक्तों ने चांदी का स्कूटर भेंट किया है. भक्तों ने बिजनेस में ग्रोथ को लेकर मन्नत मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने चढ़ावा चढ़ाया.

Sanwariya Seth Temple
भगवान सांवरिया सेठ

चित्तौड़गढ़.राजस्थान केमेवाड़ के प्रमुख कृष्ण धाम भगवान सांवरिया सेठ के दरबार में भक्तों ने चांदी से निर्मित एक स्कूटर भेंट की है. बिजनेस अच्छा चलने की मन्नत पूरी होने पर 3 भक्तों ने मिलकर 1 किलो 119 ग्राम चांदी का इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर मंदिर को भेंट किया.

बिजनेस में तरक्की की मांगी थी मन्नत : भगवान सांवरिया सेठ मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर ने बताया कि भक्तों का मंदिर मंडल की ओर से ऊपरना ओढ़ाकर स्वागत किया गया. भक्त अपनी मन्नत को लेकर मंदिर में अलग-अलग तरह की चीजें भेंट करते हैं. हालांकि इन भक्तों ने अपने नाम को गुप्त रखने को कहा है, लेकिन उन्होंने बताया कि वे खुद भी इलेक्ट्रिक स्कूटर के व्यवसाय से जुड़े हैं. उन्होंने भगवान सांवरिया सेठ से बिजनेस में प्रोग्रेस की मन्नत मांगी थी.

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चांदी का स्कूटर चढ़ाया : इस साल उनका बिजनेस बहुत अच्छा चला. इस कारण उन्होंने अनूठा चढ़ावा चढ़ाने की कोशिश की और 1 किलो 119 ग्राम चांदी से निर्मित इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर का मॉडल तैयार करवाया. इस मॉडल को सावन के महीने में ही मंदिर को भेंट करने का प्लान था. उसी के तहत चांदी के मॉडल स्कूटर के साथ एक अंगूठी भी भेंट की गई. परिवार के लोग गाजे-बजे के साथ मंदिर पहुंचे, जहां भगवान सांवरिया सेठ को 56 भोग भी लगाया गया. चांदी का स्कूटर मॉडल असली स्कूटर जैसा ही बनाया गया है. हैंडल और पहिए भी मूव करते हैं.

चढ़ावा राशि प्रतिमाह 10 करोड़ तक पहुंची :आपको बता दें कि भगवान सांवरिया सेठ मेवाड़ के साथ-साथ पूरे मालवा अंचल के प्रमुख आराध्य देव हैं. अब मेवाड़ और मालवा को छोड़कर भगवान सांवरिया सेठ की महिमा देश के अन्य हिस्सों तक भी पहुंच गई है. प्रतिदिन हजारों की संख्या में मध्य प्रदेश और गुजरात के साथ-साथ कर्नाटक, बेंगलुरु और पश्चिम बंगाल तक से लोग भगवान सांवरिया सेठ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इसी का नतीजा है कि यहां की चढ़ावा राशि प्रतिमाह 10 करोड़ तक पहुंच गई है. इस राशि को मंदिर के साथ-साथ आसपास के 16 गांव के विकास पर खर्च किया जाता है.

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